asd सबसे ज्यादा फायदे का व्यापार है यह! सर्राफा व्यवसायियों को ज्वैलरी पार्क के लिए क्यों दी जाए सस्ती दरों पर जमीन

सबसे ज्यादा फायदे का व्यापार है यह! सर्राफा व्यवसायियों को ज्वैलरी पार्क के लिए क्यों दी जाए सस्ती दरों पर जमीन

0

मेरठ विकास प्राधिकरण बोर्ड की गत दिवस हुई 128वीं बैठक में 2193 करोड़ शहर के विकास पर खर्च करने का समाचार पढ़ने को मिला। आगे इसमें क्या होगा यह तो अभी नहीं कहा जा सकता लेकिन बोर्ड के सदस्यों द्वारा शहर के सर्राफा व्यवसायियों के लिए औद्योगिक दर 15400 प्रति वर्ग मीटर की दर से 40000 वर्ग मीटर का भूखंड उपलब्ध कराने की मांग उठाई गई। बोर्ड ने भी प्रस्ताव को शासन को भेजने की बात कही। लेकिन सवाल यह उठता है कि वेदव्यासपुरी जैसी जगह में ज्वैलरी पार्क कॉम्पलैक्स की स्थापना हो इसमें कोई बुराई नहीं है लेकिन यह कहना कि 44 हजार रूपये प्रति वर्ग मीटर की दर से जमीन खरीदकर वो अपनी इकाई नहीं लगा सकते। सदस्यों ने जो मुददा उठाया वो उनकी सोच है लेकिन मेरा मानना है कि अगर सर्राफा व्यवसायियों को भी सस्ती दरों पर जमीन दिए जाने की बात हो रही है तो छोटी इकाईयों को जिन्हें सरकार बढ़ावा दे रही है को लघु उद्योग लगाने और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को घर बनाने के लिए जिस दर पर जमीन किसानों से ली जा रही है उसी आधार पर देनी चाहिए क्योंकि वर्तमान में जहां सर्राफा व्यवसाय चल रहा है वहां जानकारों के अनुसार दो दो लाख रूपये गज का भाव है। लेने वाले बहुत है बेचने वाले कम। फिर भी यहां अवैध रूप से बनी छोटी दुकानें लाखों रूपये और बड़ी दुकानें और शोरूम करोड़ों में बिक रहे है। इन्हें कोई विदेश से आकर तो खरीद नहीं रहा होगा। सर्राफा व्यवसायी ही खरीद रहे होंगे। सीधा सवाल है कि जब लाखों रूपये गज और करोड़ों में दुकानें सर्राफा व्यवसायी खरीद सकते हैं तो फिर ज्वैलरी पार्क बनाने के लिए उन्हें औद्योगिक दरों पर क्यों दी जाए जगह। मुझे लगता है कि सर्राफा व्यवसाय की बढ़ोत्तरी और विकास के लिए ज्वैलरी पार्क बनाया जाए और उसकी सुरक्षा के साथ सफाई भी तय हो। वहां प्रदूषण ना पनपे इसके लिए खुले स्थान पर इसका निर्माण हो। गरीबों के हित को ध्यान में रखते हुए 44 हजार नहीं अगर 50 हजार वर्ग मीटर भी जमीन की कीमत रखी जाए तो कोई परेशानी किसी को नहीं होनी चाहिए क्योंकि जानकारों का कहना है कि आदमी दो पैसे या तो जमीन या सोेने में कमा सकता है। अगर पिछले चार पांच दशक का इतिहास उठाकर देखें तो यह भी शायद हो सकता है कि सोने की कीमत 60 या 70 गुना हो गई है। आम आदमी की आर्थिक तंगी और बेरोजगारी के बावजूद एक विशेष वर्ग शादी या अन्य समारोहों के लिए ज्वैलरी खरीदता है। इसलिए यह कह सकते हैं कि यह सबसे लाभ वाला व्यवसाय है। इसके व्यापारी तरक्की करें अच्छा है क्योंकि इस व्यवसाय से शहरों का नाम रोशन होता है लेकिन इन्हें सस्ती दरों पर जमीन देने का कोई औचित्य नजर नहीं आता है।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)

Share.

Leave A Reply

sgmwin daftar slot gacor sgmwin sgmwin sgm234 sgm188 login sgm188 login sgm188 asia680 slot bet 200 asia680 asia680 sgm234 login sgm234 sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin asia680 sgmwin sgmwin sgmwin asia680 sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgm234 sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin ASIA680 ASIA680