नई दिल्ली 17 अप्रैल। वक्फ बोर्ड कानून में बदलाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों की याचिकाएं स्वीकार कर ली हैं। देश की सर्वोच्च अदालत ने अगले आदेश तक वक्फ बोर्ड में कोई भी नई नियुक्ति नहीं करने के लिए कहा है और इस मामले पर सात दिन के अंदर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने यह भी साफ किया है कि केंद्र सरकार के जवाब देने के पांच दिन बाद याचिकाकर्ताओं को भी जवाब देना होगा। कोर्ट के इस फैसले को लेकर लोगों ने अलग-अलग प्रतिक्रिया दी है। कुछ लोगों ने इस पर नराजगी जाहिर करते हुए कहा कि क्या सुप्रीम कोर्ट संसद से ज्यादा ताकतवर है। वहीं, कुछ लोगों ने इस पर खुशी जाहिर की है।
जानकारी देते हुए अधिवक्ता बरुण कुमार सिन्हा ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून में संशोधन पर रोक नहीं लगाई है। सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया ने कहा है कि नए संशोधन अधिनियम के तहत परिषद या बोर्ड में कोई नियुक्ति नहीं की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में लिखा है कि सरकार अगली तारीख तक उन संपत्तियों (वक्फ-बाय-यूजर) को डी-नोटिफाई नहीं करेगी जो रजिस्टर्ड और गजटेड हैं। हालांकि, सरकार अन्य संपत्तियों पर कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है। केंद्र ने कोर्ट से कहा कि आप संसद द्वारा पारित कानून पर रोक नहीं लगा सकते हैं और केंद्र रोजाना सुनवाई के लिए तैयार है। इस मुद्दे को 5 मई के लिए सूचीबद्ध किया गया है और उसी दिन सुनवाई शुरू होगी।”
हम फैसले से संतुष्ट, बोले अमानतुल्लाह
वक्फ संशोधन अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पर AAP नेता अमानतुल्लाह खान ने कहा, ‘मैं सुप्रीम कोर्ट, जजों और अधिवक्ताओं का शुक्रगुजार हूं जिन्होंने धर्म से ऊपर उठकर देश की रक्षा करने में हमारी मदद की. हम फैसले से संतुष्ट हैं क्योंकि केंद्र सरकार ने कोर्ट में कहा कि वक्फ-बाय-यूजर के तहत संपत्तियां वक्फ के पास ही रहेंगी और वक्फ बोर्ड के सदस्यों से भी हस्तक्षेप नहीं होगा. केंद्र सरकार 7 दिन में जवाब देगी.., डीएम कोर्ट से ऊपर कैसे हो सकता है – वह प्रावधान (अधिनियम से) निश्चित रूप से हटाया जाएगा. वक्फ बोर्ड वैसे ही बना रहेगा…’