पहलगाम की घटना के बाद से पीड़ित परिवारों को सांत्वना देने और हमसे बिछड़ों को श्रद्धांजलि देने के साथ ही इस मामले के दोषी और उनके सहयोगियों को जिस प्रकार से हमारे द्वारा आज तीसरे दिन भी मुंहतोड़ जवाब देते हुए उनके एयरबेस नष्ट किए गए। उससे स्पष्ट होता है कि देशवासियों के समर्थन और पक्ष और विपक्ष की मजबूती एकता से उत्साहित सरकार इस बार पाकिस्तान से कोई धोखा खाना नहीं चाहती। हर बात का जवाब नागरिकों की भावनाओं के अनुसार देने के लिए त्वरित है। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि हम शांति के उपासक होने के चलते हर बार नुकसान उठाते रहे। लेकिन अब समय आ गया है कि गलतियां करने की नहीं जो पूर्व में हुई उन्हें सुधारने का समय बीएसएफ के जवान और सैनिक सब मिलकर तड़ातड़ जवाब दे रहे हैं जिसका परिणाम यह है कि दो तीन दिन में ही आतंकियों को संरक्षण देने वाला देश अमेरिका से मदद की गुहार लगाने लगा है। मुझे लगता है कि जिस प्रकार से देश के नागरिक एक सुर में बोल रहे हैं उससे पड़ोसी देश डरा है। क्योंकि उसके यहां आर्थिक तंगी के चलते जो रोष उत्पन्न हो रहा है वो खतरनाक स्थिति भी ले सकता है। अगर भारत से उसने माफी नहीं मांगी तो।
देश के युवाओं में इस समय बदला लेने का उबाल है। देशभक्ति की भावना उभरकर सामने आ रही है। इसके साथ ही यह जरूरी है कि हम संयम के साथ डरे सहमे पाकिस्तान की हर कमजोरी पर नीतिगत आधार पर प्रहार करें। और अपने यहां की डिजिटल मीडिया को मजबूत करते हुए आतंकियों के शरणदाता के यहां साइबर हमलों को भी बढ़ाएं। क्योंकि अब समय आ गया है कि हमें लड़ाई धरती आसमान के साथ साथ सोशल मीडिया के क्षेत्र में भी मजबूती से लड़नी होगी। हर प्रकार के मीडिया से संबंध लोगों को यह समझाना होगा कि हमारा हर प्रहार सही बैठे इसके लिए वो उत्तेजनात्मक और उग्रता बढ़ाने वाली भाषा का उपयोग ना करें। अपनी हर बात से सेना का मनोबल और सरकार का उत्साह बढ़ाने का काम करना होगा। सरकार को भी सूचना युद्ध जो चल रहा है उस पर विजय पानी होगी। बाकी तो पिछले तीन दिन से जो हो रहा है वो सबके सामने हैं। संघ प्रमुख मोहन भागवत का कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर से देश का मनोबल बढ़ा है। उन्होंने सरकार और सुरक्षा बलों की प्रशंसा भी की है। यह भी कहा कि विभाजनकारी ताकतों से सतर्क भी रहना होगा। बता दें कि तीन दिन में हुए हमलों और उसमें मिली सफलता से बौखलाया पड़ोसी देश दुष्प्रचार का कोई मौका नहीं छोड़ रहा है। इसलिए सूचना प्रसारण मंत्रालय को अधिकारियों की डयूटी लगाकर इस प्रचार का मुंहतोड़ जवाब देने की कोशिश करनी होगी। आज भी हमारी सेनाओं ने काफी सफलता प्राप्त की है। हम आपात स्थिति से निपटने में सक्षम है। फिर भी ध्यान रखना होगा कि कोई भी व्यक्ति को हमारी एकता भाईचारे को कमजोर करने का मौका ना मिल पाए। इसके लिए सतर्कता बहुत जरूरी है। नागरिक निरंतर सरकार की कार्रवाई का समर्थन कर सेना का मनोबल बढ़ा रहे है। जब तक यह कार्रवाई चलेगी नागरिक भी अपना काम करने में पीछे नहीं रहेंगे।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
सेना को मिल रही सफलता से देश में खुशी का माहौल, जमीन और हवाई हमलों के साथ साथ साइबर नीति में भी मजबूत होना होगा देश को
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