Date: 03/10/2024, Time:

भूत समझ दुकानदार ने नहीं दी कोल्ड ड्रिंक, घर पहुंचा तो अपने फोटो पर माला टंगी देख हैरान रह गया युवक

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सहारनपुर 09 फरवरी। मुजफ्फरनगर नगर का रहने वाला प्रमोद सहारनपुर से अपने गांव में पहुंचा था। रास्ते में एक दुकान पर कोल्ड ड्रिंक लेने लगा तो दुकानदार उसे देखकर घबरा गया और भूत समझकर कोल्ड ड्रिंक देने से मना कर दिया। इसके बाद वह घर की तरफ चल दिया।
रास्ते में गांव के पूर्व प्रधान राकेश कुमार मिले तो वह भी उसे देख कर हड़बड़ा गए। गांव के लोग उसे देखकर ऐसे व्यवहार क्यों कर रहे हैं वह समझ नहीं पा रहा था। वह अपने घर पहुंचा तो परिजन भी उसे देखकर हक्के-बक्के रह गए। वह अंदर पहुंचा तो देखा कि परिजनों के चेहरे उदास थे, आंगन में अपने फोटो पर माला टंगी देख प्रमोद हैरान रह गया।

जब प्रमोद ने परिजनों से पूछा तो पता चला कि परिजनों ने उसे मृत समझकर किसी युवक का अंतिम संस्कार भी कर दिया है। जिस जवान बेटे को मृत समझकर परिजन पिछले आठ दिनों से शोक मना रहे थे वह बुधवार रात अचानक घर लौट आया। हैरानी की बात यह है कि परिजनों ने मुजफ्फरनगर मोर्चरी से एक हमशक्ल युवक की पहचान अपने बेटे के रूप में करते हुए उसका अंतिम संस्कार भी कर चुके हैं।

मामला बड़गांव थाना क्षेत्र के गांव चिराऊ का है। गांव निवासी चंद्र प्रजापति का तीन बेटों में दूसरे नंबर का बेटा प्रमोद कुमार ( 24) दो सप्ताह पहले हरिद्वार किसी ढाबे पर नौकरी करने की बात कहकर घर से निकला था।
बीते 31 जनवरी को प्रमोद के हमशक्ल की मुजफ्फरनगर के मोर्चरी में लावारिस शव की वायरल फोटो देखकर परिजनों में कोहराम मच गया। परिजन मुजफ्फरनगर मोर्चरी पहुंचे।
बताया कि सड़क हादसे में मौत हुई है। जहां से युवक का शव लाकर उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया। पांच फरवरी को रस्म पगड़ी की भी अदायगी कर चुके थे और गुरुवार को पंडित बैठाने की तैयारी चल रही थी।

बुधवार रात प्रमोद गांव में पहुंचा था। रास्ते में एक दुकानदार ने उसे भूत समझकर कोल्ड ड्रिंक देने से मना कर दिया। जब प्रमोद घर पहुंचा तो परिजन भी हैरान रह गए। तब प्रमोद को पता चला कि परिजनों ने उसे मृत समझकर किसी युवक का अंतिम संस्कार भी कर दिया है।

उसके फोटो पर भी माला टंगी हुई थी, जिसे प्रमोद ने जाकर खुद उतारा। प्रमोद ने बताया कि वह हरिद्वार में एक ढाबे पर काम कर रहा था। वह मोबाइल नहीं रखता। इसलिए गांव में संपर्क नहीं कर सका। प्रमोद के वापस लौटने पर मां बोहती और बहन रीता समेत अन्य परिजन बेहद खुश हैं। लेकिन सवाल यह है कि जिसका अंतिम संस्कार हुआ आखिर वह शव किसका था। परिजनों ने बताया कि प्रमोद के हाथ पर पीके लिखा है। जिस शव का अंतिम संस्कार किया उसके हाथ पर भी पीके लिखा था। उसकी प्रमोद के साथ शक्ल भी मिलती थी। जिसके आधार पर प्रमोद के रूप में पहचान की थी। इस मामले में न केवल मुजफ्फरनगर पुलिस बल्कि मोर्चरी पर तैनात कर्मचारी भी जिम्मेदार है। जिन्होंने बिना किसी जांच पड़ताल के शव प्रमोद के परिजनों को थमा दिया।

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