ईद के त्योहार पर गरीबी की सीमा के इर्द गिर्द आने वाले मुस्लिम परिवारों की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी जो सौगात ए मोदी किट दी जा रही है कुछ मुददों को लेकर इसका विरोध शुरू हो गया है। देश में हर आदमी को अपनी बात कहने का अधिकार है इसलिए कोई इसे राजनीतिक व्यवस्था तो कुछ वक्फ बिल के विरोध पर इस योजना का विरोध भले ही कर रहे हो असलियत तो जिनके लिए यह येाजना है वो ही जान सकते हैं लेकिन विरोध के बारे में किन लोगों को ध्यान रखकर मुझे लगता है यह येाजना बनाई गई है उनके स्तर से कहीं भी इसकी खिलाफत नहीं हो रही है। अभी जानते हैं कि 32 लाख गरीब मुस्लिमों को किट देने की बात हो रही है तो इसका अन्य अल्पसंख्यकों को भी लाभ होगा। अगर मेरी सोच सही है तो ईद के साथ ही वैशाखी और गुड फ्राइडे स्तर पर जो यह योजना शुरू की गई है उसका लाभ अन्य वर्गों को भी होगा। यह बात योजना में लगे लोगों को सुनिश्चित करनी चाहिए। जहां तक विरोधियों का कथन है तो उसमें तो किसी को बुरा नहीं मानना चाहिए कि यह उनका अधिकार है लेकिन सही मायनों में स्थिति क्या है इसका अंदाजा इससे भी लगता है कि जहां मेरठ में सपा के पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के पूर्व सचिव पार्षद अफजाल सैफी ने योजना का विरोध करते हुए कहा है कि मोदी की सौगात किट नहीं आरक्षण चाहिए। तो पूर्व सीएम बसपा सुप्रीमो मायावती ने इसे पूर्ण विशुद्ध राजनीतिक कार्यक्रम बताया है तो सपा प्रवक्ता अमीक जमई ने भी सौगात ए मोदी किट को यह कहकर नकारने की कोशिश की है कि 2014 के बाद जिन लोगों ने मुस्लिमों को परेशान किया वही अब सौगात दे रहे हैं जो इंटरनेशनल मीडिया को मैनेज करने के लिए किया जा रहा प्रयास है। उन्होंने इस सौगात की जांच कराने की मांग की है कि कहीं यह सामग्री हानिकारक तो नहीं है। लेकिन ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शाहबुददीन रिजवी बरेलवी का कहना है कि ईद पर केंद्र सरकार 32 लाख मुस्लिमों को दिए जाने वाले तोहफे की योजना स्वागत योग्य है। उन्होंने कहा कि हम इस योजना का स्वागत करते हैं। यह योजना इस बात का प्रतीक है कि पीएम मोदी मुस्लिमों से अच्छे रिश्ते रखना चाहते हैं। उनका यह भी कहना है कि प्रधानमंत्री ने अच्छे रिश्ते रखने हेतु सबसे ज्यादा मुस्लिम देशों के दौरे किए हैं और उन्हें सम्मान दिया गया। पीएम मोदी को मुस्लिम देशों के सबसे बड़े पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। प्रदेश सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री दानिश अंसारी ने सौगात ए मोदी किट की तारीफ करते हुए कहा कि पीएम मोदी ने सभी समुदायों के लिए काम किया है। उनका यह भी कहना है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में पिछड़ा दलित और पसमांदा समाज के रोजगारों और भविष्य के लिए काम किया है। कुल मिलाकर देखें तो जैसे अन्य योजनाओं की तारीफ और बुराई पक्ष विपक्ष करते हैं उसी तरह से अल्पसंख्यकों के लिए ईद के त्योहार पर पीएम मोदी के तोहफे को लेकर हो रहा है। मगर जो सबसे बड़ी बात है वो यह है कि मोदी के निर्णय की कुछ नेताओं के अलावा मुस्लिम समाज के लोग गलत नहीं मान रहे हैं। इसलिए जिस वर्ग के लिए यह योजना है उसे इसमें कुछ गलत नजर नहीं आता है। मेरा मानना है कि जिस व्यक्ति ने गरीबी और भूखमरी को भोगा हो और त्योहारों पर उसके परिवार में क्या होता है खासकर पीएम मोदी की इस योजना का विरोध शायद नहीं करेगा। फिर अगर अल्पसंख्यकों के लिए यह योजना है तो इसका लाभ सभी को मिलना तय है। मुझे कुछ मुस्लिमों की यह बात सही लग रही हे कि योजना का सही लाभ पात्रों तक पहुंच गया तो यह सौगात देने के लिए तारीफ की जानी चाहिए क्योंकि कुछ अच्छा भी हो रहा है। मुझे लगता है कि ऐसी योजनाएं केंद्र और प्रदेश सरकारों को बहुसंख्यकों के त्योहारों पर भी चलाई जानी चाहिए क्योंकि गरीब हर वर्ग में है और खुशियां पानी का अधिकार सबको है।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
सरकार बहुसंख्यकों के त्योहारों पर भी चलाई ऐसी योजना, 32 लाख गरीब मुस्लिमों सौगात ए मोदी किट की आलोचना क्यों
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