asd संघ और भाजपा की दूरी होगी कम! कार्यक्रमों में सरकारी कर्मचारियों का शामिल होना लोकतांत्रिक दृष्टि से है उचित, गृह और कानून मंत्रालयों को देशहित में कुछ बिदुओं पर करना होगा विचार

संघ और भाजपा की दूरी होगी कम! कार्यक्रमों में सरकारी कर्मचारियों का शामिल होना लोकतांत्रिक दृष्टि से है उचित, गृह और कानून मंत्रालयों को देशहित में कुछ बिदुओं पर करना होगा विचार

0

राष्ट्र की एकता को मजबूत और नागरिकों में देशभक्ति की भावना पैदा करने और हर व्यक्ति को देशहित में सोचने की सलाह देने वाले संघ परिवार ने पिछले 99 वर्षो में समाज को जोड़ने भाईचारा और सदभाव मजबूत करने में जो अहम योगदान किया है। वो कुछ लोगों द्वारा आलोचना किए जाने के बावजूद किसी से छिपा नहीं है।
30 नवंबर 1966 25 जुलाई 1970 28 अक्टूबर 1980 के आदेश के जरिए संघ में सरकारी कर्मचारियों के शामिल होने और उसकी गतिविधियों पर लगाई गई रोक 58 साल बाद सरकार ने हटा दी।
बताते चलंें कि मेरठ हापुड़ व मेरठ मवाना लोकसभा क्षेत्र से तीन बार सांसद बने राजेंद्र अग्रवाल द्वारा 2016 में सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों को आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल होने पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग की गई थी। इस फैसले का स्वागत और विरोध खुलकर हो रहा है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा इसे कर्मचारियों को विचारधारा के आधार पर विभाजित करने वाला बताते हुए वैचारिक आधार पर राजनीतिकरण की संज्ञा दी जा रही है। दूसरी ओर बसपा प्रमुख मायावती ने इस निर्णय को देशहित में नहीं बताया गया। उनका कहना है कि यह निर्णय देशहित से परे हैं। दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इस प्रतिबंध को राजनीति से प्रेरित बताया। तो संघ परिवार द्वारा आरएसएस के कार्यक्रमों में सरकारी कर्मचारियों के शािमल होने पर लगी रोक को हटाने का स्वागत किया गया है। संघ परिवार के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेडकर का कहना है कि यह फैसला उचित है। भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली को मजबूत करेगा।
अपने देश में राष्ट्र और समाजहित में सबको सोचने और कार्यक्रमों में भाग लेने का अधिकार है। इसलिए मैं इस फैसले को लेकर गलत या सही होने की टिप्पणी नहीं करना चाहता लेकिन यह कहने मेें कोई हर्ज महसूस नहीं करता हूं कि देश में इस प्रकार के जो अन्य संगठन संचालित हो रहे हैं। वो भी अब सक्रिय हो सकते हैं। कई संस्थाएं इसकी आड़ में जो गुमराह करने वाला प्रचार करती हैं वो भी अपने आयोजनों में अपनी विचारधारा वाले सरकारी कर्मियों को आमंत्रित कर सकते हैं और शायद वो स्थिति देशहित में नहीं कही जा सकती। इसलिए सरकार को इस निर्णय के साथ साथ कुछ ऐसा भी करना चाहिए जिससे किसी गलत विचारधारा से किसी का जुड़ाव ना हो पाए। यह जरूर है कि सरकार के इस फैसले से मेरी अपनी राय में लोकसभा चुनाव के उपरांत जो संघ और भाजपा में दूरी बढ़ने की चर्चाएं थी उनमें कमी और पुरानी मधुरता का माहौल बन सकता है। कुल मिलाकर यह फैसला सही होने के बाद भी गृह और कानून मंत्रालयों के अफसरों को इससे संबंध कुछ बिदुओं पर विचार करना चाहिए जिससे देश में अस्थिरता की स्थिति उत्पन्न ना हो पाए।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)

Share.

Leave A Reply

sgmwin daftar slot gacor sgmwin sgmwin sgm234 sgm188 login sgm188 login sgm188 asia680 slot bet 200 asia680 asia680 sgm234 login sgm234 sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin asia680 sgmwin sgmwin sgmwin asia680 sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgm234 sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin ASIA680 ASIA680