भगवान राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान मुख्य यजमान पीएम मोदी द्वारा हर बात का ध्यान रखने के साथ ही भगवान राम द्वारा जो अपने जीवनकाल में सिद्धांत अपनाए गए और प्रेरणास्त्रोत कार्य करने वालों को सराहा गया। उस परंपरा को भी आगे बढ़ाया जा रहा है। इसमें जहां शबरी का गुणगान हो रहा है। वहीं निषादराज को भी याद किया जा रहा है। वनवास के दौरान जटायू द्वारा माता सीता को बचाने के लिए किए गए संघर्ष को ध्यान में रखकर उसकी पूजा की जा रही है तो श्रीलंका पर माता सीता को वापस लाने के लिए जो पुल बनाया गया था उसमें गिलहरी के योगदान को सराहते हुए भगवान राम ने जिस प्रकार से उसके छोटे से कार्य को प्रमुखता दी थी उसी प्रकार अयोध्या समारोह में गिलहरी के योगदान को भी आयोजक याद कर रहे हैं। यह अपने आप में सराहनीय और प्रेरणास्त्रोत भी है। इससे हमारी भावी पीढ़ी को व्यक्ति के छोटे योगदान को भी याद रखने की प्रेरणाा मिलेगी साथ में समाज में भाईचारा सदभाव बढ़ेगा और एक घाट शेर बकरी के पानी पीने की जो कल्पना है वो कमजोर और बाहुबलियों के एक साथ किए जा रहे योगदान से बढेगा।
भगवान राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह जटायू और गिलहरी के योगदान को भी सराहा जा रहा है
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