मेरे द्वारा हमेशा घरों या दुकानों पर काम करने या मजदूरी करने श्रमिकों के उत्थान और उनकी समस्याओं के समाधान और पेंशन देने की मांग हमेशा इसलिए की जाती रही है कि इससे इनके परिवारों का पालन पोषण आसानी से हो सके। एक उम्र के बाद जब इनके हाथ पैर नहीं चलते तो उस समय जो कठिनाई इनके परिवारों के सामने आती है उनका शब्दों में बखान किया जाना संभव नहीं है क्योंकि इनके बच्चे भी छोटी नौकरियां या मजदूरी कर परिवार चलाने की कोशिश करते हैं। इसलिए जीवनभर दूसरों की सेवा करते रहे असंगठित क्षेत्र के इन लोगों की सेवा ना तो परिवार कर पाता है। इसलिए मैं हमेशा इस क्षेत्र के सबसे निचले स्तर से जुड़ा रहा हूं और दो वक्त की रोटी के लिए क्या क्या जतन करने पड़ते हैं जानता हूं। इसलिए मेरी सरकार से मांग रही है कि इन लोगों को पेंशन सुविधाएं और मुफत चिकित्सा उपलब्ध कराई जाए। देर से ही सही सरकार ने आयुष्मान योजना के तहत पांच लाख तक की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है और अब यह बड़ी खुशी की बात है कि इस साल के अंत तक सरकार असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए भी पेंशन शुरू करने की योजना बना रही है।
एक खबर के अनुसार सबके लिए पेंशन योजना इस साल के अंत तक लागू होने की संभावना है। पेंशन से जुड़ी प्रक्रिया पर केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय काम कर रहा है। अगले कुछ महीनों के अंदर प्रक्रिया को निर्धारित कर लिया जाएगा। उसके बाद कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
केंद्र जो समान पेंशन स्कीम लाने जा रही है, उसमें अंशदाता ज्यादा अंशदान भी कर सकेंगे। इसमें असंगठित क्षेत्र के लोगों को भी शामिल किया जाएगा। इसमें न्यूनतम अंशदान के अतिरिक्त बचत की अतिरिक्त धनराशि को भी पेंशन खाते में डाल सकेंगे। श्रमिक हर महीने पेंशन खाते में तीन हजार रुपये का योगदान करता है और बीच में उसके पास 30 या 50 हजार रुपये की व्यवस्था है तो वह उस राशि को भी अंशदान के तौर पर जमा करा सकेगा।
वैसे तो सभी सरकारें हर संभव काम करने की कोशिश कर ही रही थी लेकिन मोदी सरकार द्वारा जो यह प्रयास शुरू किया गया है उसकी जितनी सराहना की जाए वो कम है क्योंकि इससे एक बार अगर असंगठित क्षेत्र के लोगों के लिए पेंशन शुरू हो गई तो भविष्य में बढ़ती रहेगी और कुछ भले की सोच रखते हुए यह कह सकते हैं कि केंद्र सरकार ने इस मामले में देश के उस व्यक्ति के बारे में भी सोचा है जो अगर देखें तो प्रगृति के हर क्षेत्र में रीढ़ की हडडी की भूमिका निभाता चला आ रहा है। क्योंकि मालिकों को ले जाना है तो ड्राइवर ले जाएगा। फैकटरी में काम श्रमिक करेंगे। इस योजना से कुछ ना कुछ लाभ सबको मिलेगा। मेरा पीएम से आग्रह है कि केंद्र के साथ साथ राज्यों में भी इसे लागू किया जाए। देश में गरीबी रेखा के पास जीने वाले असंगठित मजदूरों को इसका लाभ मिले यह समय से तय हो और पेंशन व सुविधाएं आसानी से जिम्मेदार उपलब्ध करा सके इसका ध्यान रखे जाने की जरूरत है।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
पीएम मोदी का आभार, असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को पेंशन देने का केंद्र सरकार का निर्णय है ऐतिहासिक
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