Date: 27/07/2024, Time:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘पीएम सूर्य घर’ योजना को किया लॉन्च, अब हर महीने मिलेगी 300 यूनिट मुफ्त बिजली

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नई दिल्ली 13 फरवरी। सौर ऊर्जा और सतत प्रगति को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार जल्द ही ‘पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना’ शुरू कर रही है। इस योजना का लक्ष्य 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्रदान करके एक करोड़ घरों को रोशन करना है। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा करते हुए कहा कि इस परियोजना में 75,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होगा।
सोशल मीडिया X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए पीएम मोदी ने लिखा ‘सतत विकास और लोगों की भलाई के लिए, हम पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना शुरू कर रहे हैं। 75,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश वाली इस परियोजना का लक्ष्य हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्रदान करके 1 करोड़ घरों को रोशन करना है।’

सब्सिडी से लेकर मिलेगी ये सुविधाएं
पीएम मोदी ने कहा कि ठोस सब्सिडी से लेकर भारी रियायती बैंक ऋण तक, केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि लोगों पर लागत का कोई बोझ न पड़े। प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी हितधारकों को एक राष्ट्रीय ऑनलाइन पोर्टल से एकीकृत किया जाएगा। बता दें कि यह सब्सिडी सीधे लोगों के बैंक खातों में दी जाएगी।
पीएम मोदी ने कहा कि इस योजना को जमीनी स्तर पर लोकप्रिय बनाने के लिए, शहरी स्थानीय निकायों और पंचायतों को अपने अधिकार क्षेत्र में छत पर सौर प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। पीएम मोदी ने बताया कि इस योजना से अधिक आय, कम बिजली बिल और लोगों के लिए रोजगार सृजन होगा।

उन्होंने सभी आवासीय उपभोक्ताओं, विशेष रूप से युवाओं से आग्रह किया कि वे https://pmsuryagarh.gov.in पर आवेदन करके पीएम – सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना को मजबूत करें.

सरकार के अनुसार, इस सोलराइजेशन से अपेक्षित लाभ यह है कि मुफ्त सौर बिजली और वितरण कंपनियों को बैलेंस बेचने से परिवारों को सालाना 15,000-18,000 करोड़ रुपये तक की बचत होगी. इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग; आपूर्ति और स्थापना के लिए बड़ी संख्या में विक्रेताओं के लिए आंत्रप्रेन्योरशिप के अवसर; और मैन्युफैक्चरिंग, स्थापना और मैंटीनेंस में टेक्निकल स्किल वाले युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे.

बता दें, भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों का एक बड़ा हिस्सा कोयले से चलने वाली बिजली के जरिए पूरा करता है, और इस सौर छत प्रोग्राम को बिजली के पारंपरिक स्रोतों की निर्भरता को कम करने के अवसर के रूप में देखा जा सकता है.
2021 में आयोजित COP26 में, भारत एक महत्वाकांक्षी पांच-भाग वाली “पंचामृत” प्रतिज्ञा के लिए प्रतिबद्ध था. इनमें 500 गीगावॉट गैर-जीवाश्म बिजली क्षमता तक पहुंचना, सभी ऊर्जा आवश्यकताओं का आधा रीन्यूएबल एनर्जी से पैदा करना, 2030 तक उत्सर्जन में 1 बिलियन टन की कमी करना शामिल है.

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