Date: 27/07/2024, Time:

शंभू बॉर्डर पर पुलिस का एक्शन, किसानों पर दागे आंसू गैस के गोले, मची भगदड़

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नई दिल्ली 13 फरवरी। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी को लेकर कानून बनाने समेत विभिन्न मांगों के लिए पंजाब-हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों ने राष्ट्रव्यापी विरोध-प्रदर्शन की पूरी तैयारी कर ली है। किसान संगठन दिल्ली की सीमाओं पर दिखना शुरू हो गए हैं। वे अपनी मांगों के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए सड़कों पर उतर रहे हैं।

पंजाब-हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान संगठन दिल्ली की सीमाओं पर तैनात हो चुके हैं। साल 2021 के प्रदर्शन की तरह ही इस बार भी किसान अपनी मांगों के लिए विरोध पर उतरे हैं। वे न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी को लेकर कानून बनाने समेत अपनी और कई मांगों को स्वीकार कराने के लिए विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया। किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए राज्यों की सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

पंजाब के किसान स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने, एमएसपी पर गारंटी, लखीमपुर खीरी हादसे पर सख्त कार्रवाई करने, किसान मोर्चों के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को सरकारी नौकरी व मुआवजा राशि देने की मांग पर अड़े हैं। उन्हें दिल्ली पहुंचने से रोकने के लिए हरियाणा में सुरक्षा के काफी कड़े इंतजाम हैं। शंभू बॉर्डर पर किसानों का प्रोटेस्ट जारी है। इस क्रम में किसान और जवान आमने-सामने हैं। पुलिस पर पथराव किया गया। जिसके बाद दिल्ली की ओर बढ़ रहे किसानों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू बॉर्डर से कुछ किलोमीटर पहले ही पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे हैं। मौके पर अभी हजारों किसान, फतेहगढ़ साहिब से पांच हजार से अधिक ट्रैक्टर अभी रास्ते में हैं।

शंभू बॉर्डर पर पुलिस पर पथराव करने की सूचना आ रही है। हालांकि सूत्रों के अनुसार, ये किसान नहीं हैं। किसानों की आड़ में कुछ शरारती तत्व भीड़ में घुस गए हैं और माहौल बिगाड़ रहे हैं। शंभू बॉर्डर पर हालात तनावपूर्ण हो गए हैं।  मौके पर पहुंचे नौजवान और अन्य लोग मुंह पर रुमाल बांधे हुए हैं और आंसू गैस के असर से बचने के लिए यह इंतजाम प्रदर्शनकारियों की तरफ से किए गए हैं. साथ ही मौके पर पानी के टैंकर भी रखे गए हैं, ताकि आंसू गैस का असर कम किया जा सके. पुलिस ने करीब 15-20 मिनट तक टियर गैस के गोले छोड़े हैं और इस कारण किसान मौके से करीब 100 मीटर पीछे चले गए हैं.

हालांकि, आगे जाने की कोशिशें हो रही हैं. लेकिन जैसे ही कोई भी आगे बॉर्डर की तरफ बढ़ता है तो पुलिस गोले छोड़ती है. किसान जैसे ही टियर गैस के गोले आसपास गिरते हैं तो उस पर मिट्टी भी डाल रहे हैं, ताकि उसका असर कम किया जा सके. इधर, अंबाला रैंज के आईजी सिबास कविराज का कहना है कि अगर किसान ट्रेक्टर लेकर आगे जाएंगे तो, नहीं जाने देंगे. लेकिन अगर वे बस या ट्रेन से जाएगे तो उनका स्वागत है. फिलहाल, शंभू बॉर्डर पर काफी गहमागहमी है. यहां पर लगातार किसानों की संख्या भी बढ़ रही है.

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