देश हो या विदेश राजनीति हो या कूटनीति हर क्षेत्र में नरेंद्र मोदी फिलहाल तो पूरी तौर पर सफल नजर आ रहे हैं। और अब आठ भारतीयों की कतर में हुई रिहाई के बाद भारत लौटे इन सैनिको का मानना है कि यह सब पीएम मोदी के बिना संभव नहीं था। भारत माता की जयकारों के साथ ही रिहा पूर्व सैनिकों ने खुलकर पीएम मोदी की सराहना की। बताते चलें कि 2022 अगस्त में निजी शीपिंग कंपनी अलदाहरा में इन पूर्व सैनिक अधिकारियों को जासूसी के मामले में गिरफ्तार किया गया था। 25 मार्च 2023 को आरोप पत्र दायर किया गया और कतर के कानून के हिसाब से मुकदमा चला और 26 अक्टूबर 2023 को अदालत ने इन्हें दोषी पाकर फांसी की सजा सुनाई। 28 दिसंबर 2023 को खाड़ी देशों की अपीलीय अदालत ने मृत्युदंड को उम्रकैद में बदल दिया और 12 फरवरी को इनकी वतन वापसी हो गई। पीएम मोदी इनसे संबंध हर घटना पर खबरों के अनुसार नजर रखे हुए थे। और नागरिकों की रिहाई के लिए संकल्पित तो वो थे ही पीएम मोदी की विदेश राष्ट्राध्यक्ष व शासन अध्यक्षों को मित्र बनाने की सोच कतर में इन पूर्व सैनिकों की रिहाई में मददगार साबित हुई। इस पूरे प्रकरण में पीएम मोदी खुद कमान संभाले हुए थे और उनके द्वारा एनएसए अजीत डोभाल को कई बार कतर भेजा गया। परिणामस्वरूप कमांडर पूरनेंवु तिवारी, शलभ रागेश आदि की रिहाई संभव हुई। और इसमें 2023 को 28 कॉर्प की मुलाकात अमीर शेख तमीन बिन अहमद और पीएम मोदी की भी काम आई। कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि कूटनीति के महारथी साबित हो रहे पीएम मोदी के चौतरफा प्रयासों से सेवानिवृत नौसैनिक कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, पूर्णेंद्र तिवारी, अमित नागपाल, एसके गुप्ता, बीके वर्मा, सुगुनाकर, नाविक राकेश की रिहाई हुई और वो भारत लौटे जबकि पूर्णेदु तिवारी अभी दोहा में ही रूके हुए हैं। उनकी वापसी कुछ दिन बाद होनी है। आठ भारतीय पूर्व सैनिकों की रिहाई हम देशवासियों के साथ साथ लौटकर आए पूर्व सैनिकों के परिवारों के लिए भी बड़ी बात तो है ही। इसे हम पीएम मोदी के प्रयासों का देश के लिए तोहफा भी कह सकते हैं। पूर्व में खबरों में पढ़ने को मिलता था कि विदेश में पकड़े गए भारतीय सालों साल जेलों में सड़ रहे हैं और उनकी रिहाई नहीं हो पा रही है। लेकिन इस मामले के बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत का यह कथन पूरी तौर पर सही साबित हो रहा है कि पूरा विश्व भारत की ओर उम्मीदों से देख रहा है क्योंकि कतर ही नहीं कई देशों में मोदी सरकार संकटमोचक बनी। यह हम भूले नहीं है कि बीते नौ सालों में विदेश मंत्रालय ने मोदी के मार्गदर्शन में अभियान चलाकर युद्धग्रस्त क्षेत्रों से भारतीयों को सुरक्षित निकाला और भारत लौटे अधिकारियो ंने जिस प्रकार इस रिहाई का श्रेय मोदी को दिया है उसी प्रकार से संकट में फंसा बाहर से लौटा हर भारतीय पीएम मोदी की सराहना करते नजर आता है। स्मरण रहे कि सीओपी 28 शिखर सम्मेलन दुबई में कतर के शेख अहमद बिन से पीएम मोदी की हुई भेंट इन आठ पूर्व सैनिकों का जीवन बचाने का मुख्य कारण बना। कुल मिलाकर यह कहने में कोई हर्ज महसूस नहीं होता है कि भले ही कुछ घरेलू समस्याएं नागरिकों के समक्ष उत्पन्न हो रही हो लेकिन हर प्रमुख क्षेत्र पर पीएम मोदी पूर्ण रूप से सफल सिद्ध हो रहे हैं।
देश को या विदेश राजनीति और कूटनीति में हर मोर्चे पर सफल है पीएम मोदी, रिहा पूर्व सैनिकों ने कहा : पीएम मोदी के कारण ही संभव हुई रिहाई
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