Date: 27/07/2024, Time:

पीएम मोदी ने की गगनयान मिशन के 4 अंतरिक्ष यात्रियों के नाम की घोषणा

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तिरुवनंतपुरम 27 फरवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल के तिरुवनंतपुरम में मौजूद इसरो के विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने इस सेंटर से ट्राइसोनिक विंड टनल प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया।
पीएम मोदी ने इसरो चीफ एस सोमनाथ के साथ मिशन गगनयान मिशन का रिव्यू भी किया। इसी के साथ पीएम ने गगनयान मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन के अंतरिक्ष यात्रियों के नाम की घोषणा की।

पीएम नरेंद्र मोदी ने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में बताया कि अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला गगनयान मिशन के लिए चुने गए अंतरिक्ष यात्री हैं. उन्होंने इन चारों को ‘अंतरिक्ष यात्री पंख’ प्रदान किये. इससे पहले पीएम मोदी ने तिरुवनंतपुरम के पास थुंबा में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) के दौरे में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की तीन प्रमुख अंतरिक्ष बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया.

केरल में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गर्व और खुशी है कि गगनयान मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन में उपयोग किए जाने वाले अधिकांश पुरजे़ भारत में बने हैं. प्रधानमंत्री ने इस दौरान इसरो के गगनयान मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम की समीक्षा भी की. पीएम मोदी ने केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन के साथ वीएसएससी में प्रदर्शित विभिन्न इसरो परियोजनाओं की प्रदर्शनी भी देखी.

प्रधानमंत्री मोदी ने वीएसएससी में एक ‘ट्राइसोनिक विंड टनल’, तमिलनाडु के महेंद्रगिरि में इसरो प्रणोदन परिसर (इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स) में सेमी-क्रायोजेनिक इंटीग्रेटेड इंजन संबंधी इकाई और आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसएचएआर) में पीएसएलवी एकीकरण इकाई का उद्घाटन भी किया.

बताते चले कि यह भारत का पहला ऐसा अंतरिक्ष मिशन होगा, जिसमें अंतरिक्ष यात्रियों को कुछ समय के लिए निम्न कक्षा में अंतरिक्ष ले जाया जाएगा।
गगनयान मिशन को 2025 में लॉंच किया जाएगा और इसके तहत दो से तीन अंतरिक्ष यात्रियों को 400 किलोमीटर की निम्न कक्षा में अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। दो से तीन दिन अंतरिक्ष में बिताने के बाद उन्हें सुरक्षित वापस हिंद महासागर में समुद्र के भीतर उतारा जाएगा। इसके तहत यह वर्ष काफी महत्वपूर्ण है और मिशन से जुड़ी कई परीक्षण उड़ानें इस वर्ष पूरी कर ली जाएंगी।

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