Date: 27/07/2024, Time:

22 तारीख को प्राण प्रतिष्ठा ही नहीं, हिंदू मुसलमान एकता की अटूट शुरूआत भी

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22 तारीख को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा ही नहीं बल्कि हिंदू मुसलमान एकता की अटूट शुरूआत भी होगी। जैसे जैसे 22 जनवरी नजदीक आ रही है वैसे वैसे समाज में माहौल खराब करने की साजिशें भी जोर पकड़ रही हैं। अगर भगवान केवल एक ही है चाहे वह राम हो या किसी और धर्म की मान्यता तो इसमें सदियों से चलता आ रहा भेदभाव कैसा ? बीते दिनों से ही हम देख पा रहे हैं कि हौंसला केवल हिंदुओं में ही नहीं मुसलमान जनता में भी बराबर का है। चाहे वह मुंबई की शबनम शेख हो या देशभर से पैदल यात्रा करते रामभक्त। हमारी पीढ़ी यहां खुद को खुशनसीब मानती है कि उन्हें यह मौका मिल पा रहा है कि वो राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को होते देख पाए। राम नाम प्यार और स्नेह का प्रतीक है। इस बात का समर्थन अल्पसंख्यकों के ऊपर भी होता देख आनंद की स्मृति होती है। 22 तारीख को विश्व को हम यह संदेश दे पाएंगे कि स्वतंत्र भारत सभी धर्मों के लिए बराबरी का दर्जा रखता है। वसुधैव कुटुम्बकम जिसका अर्थ है संपूर्ण विश्व एक परिवार है। इन्हीं पंक्तियों को भारत सार्थक करता नजर आ रहा है। राम की बात हो और हम हनुमान को भूल जाएं ऐसा हो ही नहीं सकता। इसलिए आज भी हम बॉलीवुड के मुस्लिम एक्टरों द्वारा बनाई गई बजरंगी भाईजान फिल्म में देख सकते हैं। आप राम बोले और हम अली इसी प्रेम के संदेश के साथ 22 जनवरी का इंतजार संपूर्ण भारत की जनता को रहेगा और साथ ही यह देखना दिलचस्प रहेगा कि जितना जोश और जूनुन राम मंदिर के निर्माण में दिखाया जा रहा है उतना ही उत्साह आने वाली पीढ़ी क्या बरकरार रख पाएगी। वहीं सोशल मीडिया को हमें धन्यवाद अदा करना चाहिए जिसकी वजह से राम नाम को बच्चे बच्चे की जुबान तक हम पहंुचा पाए। हम सोशल मीडिया को चाहे कितना ही कोस ले राम को दिलों तक पहंुचाने का काम इसी ने किया है। राम के ही एक लोकप्रिय गीत जिसे हम यूटयूब पर भी सुन सकते हैं से ही मैं इस लेख का अंत करता हूं। मेरी झोपड़ी के भाग आज जाग जाएंगे, राम आएंगे, राम आएंगे राम आएंगे और राम आएंगे।

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