Date: 10/12/2024, Time:

दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में अब इन शर्तों पर मिलेगा नर्सरी में दाखिला, हटाए गए 62 नियम

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नई दिल्ली 21 नवंबर। दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में नर्सरी में दाखिले की भागदौड़ शुरू होने वाली है। राजधानी के 1700 स्कूलों में नर्सरी में दाखिले की प्रक्रिया 28 नवंबर से शुरू होगी, जो 20 दिसंबर तक चलेगी। इससे पहले शिक्षा विभाग ने नर्सरी में दाखिले के लिए बनाए गए नियमों को अपडेट किया है। विभाग ने नियमावली से उन पॉइंट्स को हटाया, जिन्हें आधार बनाकर स्कूल दाखिला नहीं देते थे।

इन पॉइंट्स की संख्या करीब 62 है। नए बदलावों के अनुसार, अब प्राइवेट स्कूल दाखिला देने के लिए हटाए गए नियमों को आधार नहीं बना सकते। अगर स्कूलों ने आदेशों का पालन नहीं किया तो उनकी मान्यता रद्द की जाएगी और कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। हालांकि दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने नर्सरी में एडमिशन के लिए प्राइवेट स्कूलों को कुछ मानक तय करने की छूट दी है, लेकिन कुछ मानक हटाकर पाबंदी भी लगाई है।

नॉन स्मोकर, नॉन अल्कोहलिक, शाकाहारी, कामकाजी, स्कूल परिवहन, माता-पिता दोनों का वर्किंग होना, पहले आओ पहले पाओ, पहला बच्चा, ट्रांसफर केस, अभिभावकों की योग्यता, बच्चे का स्टेट्स, म्यूजिक-स्पोर्ट्स में अभिभावकों की अचीवमेंट्स, अभिभावकों का उसी स्कूल की दूसरी शाखा में वर्किंग होना, इंटरव्यू, मैनेजमेंट कोटा, जॉइंट फैमिली, लिंग, भाषा, आर्थिक स्थिति, स्कॉलर स्टूडेंट, अडॉप्टिड बच्चा, जुड़वां बच्चे, दिल्ली यूनिवर्सिटी का स्टॉफ, चचेरा भाई-बहन आदि।

इन मानकों को स्कूल अब 100 अंक देने के लिए आधार नहीं बना सकेंगे। स्कूल शिक्षा निदेशालय के नियमों का पालन करें, इसकी निगरानी हर जिले में गठित निगरानी सेल करेगा। शिक्षा निदेशालय ने आदेशों में साफ-साफ कहा है कि स्कूल बच्चे को दाखिला उसकी शैक्षिक योग्यता और हटाए गए मानकों के अलावा निर्धारित मानकों के आधार पर दें। हटाए गए मानकों से स्कूल का कोई लेना-देना नहीं है।

नियम के अनुसार, नर्सरी कक्षा में दाखिले के लिए बच्चे की उम्र कम से कम 3 साल होनी चाहिए. स्कूल प्रमुख, उम्र में दाखिले के लिए 30 दिन तक की छूट दे सकते हैं.  प्री-प्राइमरी कक्षा के लिए आयु सीमा 5 साल निर्धारित की गई है.  कक्षा 1 में एडमिशन के लिए अधिकतम आयु सीमा 6 साल निर्धारित की गई है.  प्राइवेट स्कूलों में आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग (EWS), वंचित समूह (डीजी) के छात्रों और दिव्यांग बच्चों के लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित हैं.  अगर आवेदकों के बीच समानता है, तो अभिभावकों की मौजूदगी में एक रेंडम ड्रा या कम्प्यूटरीजाइज़्ड मोड से या ड्रॉ स्लिप निकालकर बच्चों को प्री-स्कूल, प्री-प्राइमरी और कक्षा 1 में एडमिशन दिया जाएगा.

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