Date: 23/10/2024, Time:

उत्तकांशी में फंसे नौ ट्रैकर्स की मौत, 13 बचाए

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उत्तकांशी 06 जून। उत्तराखंड में 14500 फीट की ऊंचाई वाले सहस्त्रताल में ट्रैकिंग के लिए गए ट्रैकर्स का एक ग्रुप बर्फीले तूफान में फंस गया था, जिनमें ठंड और बारिश के बीच अब तक 9 की मौत हो चुकी है और 13 ट्रैकरों को बचा लिया गया है. मरने वाले सभी लोग बेंगलुरु के हैं. कर्नाटक के ट्रैकर्स का एक ग्रुप 3 जून को सहस्त्रताल में ट्रैकिंग के लिए गया था. उसी दौरान वहां पर बर्फीला तूफान आ गया. खराब मौसम की वजह से ये लोग रास्ता भटक गए और वहीं पर फंस गए थे. भीषण सर्दी और बारिश के बीच तबीयत खराब होने ने अब तक बेंगलुरु के 9 ट्रैकर्स की जान जा चुकी है. गाइडों समेत 22 लोग ट्रैकिंग के लिए सहस्त्रताल गए थे. उसी दौरान यह हादसा हो गया.

कर्नाटक सरकार ने मंगलवार को उत्तरकाशी जिला प्रशासन, उत्तराखंड सरकार और केंद्रीय गृह विभाग के साथ मिलकर वायु सेना और नागरिक हेलीकॉप्टरों के जरिए 13 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया है. रेक्स्यू ऑपरेशन पर नजर रखने के लिए कर्नाटक के राजस्व मंत्री कृष्णा बायरे गौड़ा खुद उत्तराखंड पहुंचे हैं. बता दें कि खराब मौसम की वजह से रेक्स्यू ऑपरेशन में परेशानियां आ रही हैं.

वहीं मृतक ट्रैकर्स की पहचान सिंधु वकेकलम (45), आशा सुधाकर (71), सुजाता मुंगुरवाड़ी (51), विनायक मुंगुरवाड़ी (54), चित्रा प्रणीत (48), पद्मनाभ कुंडापुर कृष्णमूर्ति (50), वेंकटेश प्रसाद केएन (53) के रूप में की गई है. अधिकारियों ने कहा, अनीता रंगप्पा (60) और पद्मिनी हेगड़े (34), सभी कर्नाटक के बेंगलुरु के निवासी हैं.

उत्तराखंड प्रशासन को जैसे ही ट्रैकर्स के फंसे होने की खबर मिली तो कुछ ही घंटों के भीतर बचाव कार्य शुरू कर दिया गया. जिसके बाद 13 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है. जिनमें 11 को वायुसेना ने नटीण पहुंचा दिया, इनमें से 8 को देहरादून के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं 3 ट्रैकर्स पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं. वहीं मरने वाले 5 लोगों के शवों को उत्तरकाशी पहुंचा दिया गया है. बुधवार को बारिश की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन बीच में ही रोकना पड़ा.

जानकारी के मुताबिक, ट्रैकर्स के फंसे होने की जानकारी 4 जून को व्हाट्सएप ग्रुप पर एक पत्र के जरिए मिली. उस पत्र में किसी का भी नाम नहीं लिखा था, हालांकि मैसेज से उनको पता चला कि ट्रैकिंग के लिए गए लोग खतरे में हैं. वह फंस गए हैं. उनको मदद की जरूरत है. उन्होंने तुरंत अधिकारियों को घटना की खबर दी. जिसके कुछ ही देर बाद रेक्स्यू टीम एक्टिव हो गई. इसी पत्र को देखने के बाद SDRF ने वायुसेना के साथ मिलकर रेक्स्यू ऑपरेशन शुरू किया. वायुसेना के हेलीकॉप्टर चेतक और चीता ने समय रहते 13 लोगों को बचा लिया.

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