कानपुर 30 नवंबर। पान मसाला कारोबार में कर अपवंचना रोकने के लिए राज्य कर विभाग ने हर फैक्ट्री और गोदाम के बाहर सहायक आयुक्त और राज्य कर अधिकारियों को तैनात कर दिया। साथ ही सभी को निर्देशित किया गया है कि कोई गाड़ी बिना ई-वे बिल चेक किए न जाने दी जाए।
पान मसाला फैक्ट्रियों के बाहर 24 नवंबर से राज्य कर विभाग की 24 घंटे तैनात टीमों की वजह से सिर्फ दो नंबर में ही पान मसाला सप्लाई करने वाली इकाइयों ने उत्पादन बंद कर दिया है लेकिन बड़ी कंपनियां नियमित रूप से ही थोड़ा ही सही ई- वे बिल से माल निकाल रही हैं। शुक्रवार दोपहर तक शहर की कंपनियों के ई-वे बिलों की संख्या सौ पार कर चुकी थी । यह संख्या 24 नवंबर के बाद से सर्वाधिक है।
पान मसाला में कर अपवंचना को लेकर राज्य कर मुख्यालय काफी ज्यादा संवेदनशील है। इसको लेकर विभाग पूरे प्रदेश में पान मसाला की फैक्ट्रियों के सामने अपने अधिकारियों को 24 घंटे के लिए नियुक्त कर चुका है। कानपुर जोन के अधीन कानपुर नगर, देहात और उन्नाव आते हैं। यहां कानपुर में एसएनके, गगन, सर, रायल, मधु, शिखर, केसर, सिग्नेचर शुद्ध प्लस, तिरंगा पान मसाला बनता है। वहीं कानपुर देहात में किसान पान मसाला है।
बिना ई-वे बिल के माल न निकल सके, इसके लिए फैक्ट्री के गेट पर ही अधिकारियों की तैनाती से बिना ई-वे बिल कर अपवंचना वाला माल निकलना बिल्कुल बंद हो चुका है। 11 में से आठ फैक्ट्रियों में ही इस समय उत्पादन चल रहा है। तीन फैक्ट्रियों ने उत्पादन रोक दिया है, उनके ई-वे बिल इस दौरान नहीं कटे हैं। अधिकारियों के मुताबिक 24 नवंबर के पहले सामान्य तौर पर जितने ई-वे बिल कटते थे, उसके मुकाबले अब इन ई-वे बिल की संख्या एक-चौथाई रह गई है।
बताते चले कि आदेश में ही नगर और देहात के 14 स्थान तय किए गए हैं, इसमें पनकी इंडस्ट्रियल एरिया में एसएनके, गगन, फजलगंज में सर, रायल पान मसाला, ट्रांसपोर्ट नगर में मधु पान मसाला के दो प्रतिष्ठान, शिखर पान मसाला के दो प्रतिष्ठान, केसर व तिरंगा पान मसाला के प्रतिष्ठानों पर ड्यूटी लगाई गई है। गड़रियनपुरवा में सिग्नेचर, मंधना में शुद्ध प्लस के दो प्रतिष्ठान, रनियां में किसान पान मसाला के दो प्रतिष्ठानों पर टीमें लगाई गई हैं।
हालांकि इसमें यह भी कहा गया है कि व्यापारियों का इस प्रक्रिया में उत्पीड़न नहीं होना चाहिए। आदेश के जारी होने के साथ ही टीमें 24 घंटे के लिए लग गई हैं।