Date: 03/10/2024, Time:

जस्टिस एएम खान विलकर बने लोकपाल अध्यक्ष

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नई दिल्ली 28 फरवरी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार शाम को सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस एएम खानविलकर को लोकपाल का अध्यक्ष नियुक्त किया है. इसके कर्नाटक हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी, हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश लिंगप्पा नारायण स्वामी और इलाहाबाद हाई कोर्ट पूर्व मुख्य न्यायाधीश संजय यादव की लोकपाल में न्यायिक सदस्य के रूप में नियुक्त की है.

जानकारी के मुताबिक, पूर्व नौकरशाह सुशील चंद्रा, पंकज कुमार और अजय तिर्की को लोकपाल में गैर न्यायिक सदस्य के रूप में नियुक्त किया है. राजभवन की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि ये सभी नियुक्तियां उनके संबंधित कार्यालयों का कार्यभार संभालने की तारीख से प्रभावी होंगी. जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष के 27 मई 2022 को अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद से लोकपाल में अध्यक्ष पद पर कोई नियुक्ति नहीं हो पाई थी. लोकपाल के न्यायिक सदस्य जस्टिस प्रदीप कुमार मोहंती वर्तमान में भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल के कार्यवाहक अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.

न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) खानविलकर ने 13 मई, 2016 से 29 जुलाई, 2022 तक सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में कार्य किया. वह सुप्रीम कोर्ट की कई संवैधानिक पीठों का हिस्सा थे जिसने कई महत्वपूर्ण फैसले दिए. ऐतिहासिक फैसलों में से एक सितंबर 2018 का फैसला था जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 377 को तर्कहीन और स्पष्ट रूप से मनमाना करार दिया था जिसकी वजह से समलैंगिक यौन संबंधों को अपराध की श्रेणी में गिना जाता था.

इसके अलावा जस्टिस एएम खानविलकर उस संविधान पीठ का भी हिस्सा थे जिसने केंद्र सरकार की प्रमुख आधार योजना को संवैधानिक रूप से वैध माना था, लेकिन इसके कुछ प्रावधानों को रद्द कर दिया था. रद्द किए गए प्रावधानों में आधार को बैंक खातों, मोबाइल फोन और स्कूल एडमिशन से जोड़ना शामिल था. जस्टिस खानविलकर सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का भी हिस्सा थे जिसने 2002 दंगा मामले में विशेष जांच दल की क्लीन चिट को बरकरार रखा था. खानविलकर हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश भी रह चुके हैं.

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