नई दिल्ली 11 मई। केंद्र सरकार ने डिजिटल फ्रॉड, साइबर क्राइम में टेलीकम्यूनिकेशन के दुरुपयोग को रोकने के लिए कड़ा फैसला लिया है. सरकार ने शुक्रवार (10 मई) को दूरसंचार ऑपरेटरों को 28,200 मोबाइल हैंडसेटों को ब्लॉक करने का निर्देश दिया है. साथ ही इन हैंडसेटों से जुड़े 20 लाख मोबाइल कनेक्शनों को फिर से वेरिफाई करने के भी निर्देश जारी किया है.
इस तरह के कार्रवाई का उद्देश्य धोखेबाजों के नेटवर्क को नष्ट करना और नागरिकों के डिजिटल खतरों से बचाना है. गृह मंत्रालय और राज्य पुलिस की ओर से किए गए जांच से पता चला है कि साइबर अपराधों में 28,200 मोबाइल हैंडसेट का दुरुपयोग किया गया था. दूरसंचार विभाग (DoT) की ओर से कहा गया कि इन मोबाइल हैंडसेटों के साथ 20 लाख नंबरों का उपयोग किया गया था, जो बहुत ही आश्चर्यजनक है.
इसके बाद दूरसंचार विभाग ने देश भर में 28,200 मोबाइल हैंडसेटों को ब्लॉक करने और इन हैंडसेट से जुड़े 20 लाख मोबाइल कनेक्शन का तत्काल प्रभाव से वेरिफिकेशन करने के लिए दूरसंचार ऑपरेटरों को निर्देश जारी किया गया. इसके साथ ही टेलीकम्युनिकेशन कंपनियों को रि-वेरिफिकेशन करने के दौरान किसी भी तरह का धोखाधड़ी पाए जाने पर कनेक्शन काटने का भी निर्देश दिया है.
सरकार ने हाल ही में साइबर क्राइम और फ्रॉड के लिए दूरसंचार के दुरुपयोग से निपटने में हितधारकों के बीच समन्यव बढ़ाने के लिए डिजिलटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म (डीआईपी) की शरुआत की है.
बताते चले कि पोर्टल के लॉन्च के बाद से विभाग ने फ़िशिंग एसएमएस भेजने में शामिल 52 संस्थाओं को ब्लैकलिस्ट कर दिया. देशभर में 348 मोबाइल हैंडसेट को ब्लॉक कर 10,834 संदिग्ध मोबाइल नंबरों को फिर से वेरिफाई करने के लिए चिह्नित किया गया था. टेलीकॉम विभाग ने मंगलवार (7 मई) को फाइनेंशियल स्कैम में इस्तेमाल किए गए एक फोन नंबर को डिस्कनेक्ट किया था, साथ ही उस नंबर से जुड़े 20 मोबाइल हैंडसेट को भी ब्लॉक कर दिया था.