Date: 10/10/2024, Time:

मुफ्त की रेवड़ियां बांटने की बजाय पूर्ण निशुल्क शिक्षा और खुशहाली के साधन उपलब्ध कराए सरकार

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केंद्र और प्रदेश में भाजपा की सरकार द्वारा चुनाव से पूर्व किए वादों के तहत जनहित का हर कार्यक्रम पूर्ण करने की कोशिश करती नजर आ रही है। वो बात और है कि कुछ अपने आप को समझदार और शासनादेशों की ज्यादा चिंता ना करने वाले अफसर उनके इस कार्य में बाधा पहुंचाने में भी पीछे नहीं बताए जाते। मगर क्योंकि यह राजरोग है। कई बार करने में बड़ी मजबूरियां होती है। इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता।
वर्तमान में मुफ्त की रेवड़ियां बांटे जाने को लेकर व्याप्त चर्चा मंे भी नजर आती है। इनका मानना है कि सरकार पिछड़े वर्गों और पात्रों को निशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराएं। अच्छे रोजगार दिलाए। उन्हें इस स्थिति में लाकर खड़ा करे कि कोई भी इस उम्मीद में ना रहे कि सरकार मुफ्त में या रियायती दर पर कुछ देगी। जिन्हंे नौकरी नहीं मिल पाती उन्हें छोटे उ़द्योग लगवाए जाएं और उन्हें चलाने का प्रशिक्षण देते हुए लोन उपलब्ध कराया जाए। जिससे इनकी स्थिति मजबूत हो ओर परिवार खुशहाल हो। लोगों का मानना है कि आजादी के बाद से सुविधाए देने की शुरूआत की गई अब उन्हें बंद करना संभव नजर नहीं आता है। ऐसे में मुफ्त बिजली और अन्य सामान दिया जाना भविष्य के लिए कई समस्याएं सरकार और नागरिकों के समक्ष खड़ी करने के नयौता देने के समान ही कह सकते हैं। मेरा भी मानना है कि हर व्यक्ति को खुशहाल जीवन जीने और जरूरी सुविधाएं प्राप्त कराने का मौका मिलना चाहिए। उन्हें सुरक्षा की भी गारंटी हो। वो अपनी मर्जी से पूजा पाठ करे शादी विवाह करें। ऐसा माहौल देश के विकास और पीएम मोदी के रामराज के सपने को साकार करने के लिए जरूरी समझा जा रहा है। ऐसा होना भी चाहिए।

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