पिछले लगभग एक दशक में केंद्र व प्रदेश सरकारों द्वारा देश के लघु और भाषाई समाचार पत्र संचालकों को प्रोत्साहन देने के बजाय उनको हताश करने और पूर्व में इस श्रेणी के समाचार पत्रों को सरकार द्वारा जो सुविधाएं दी जाती थी वो बंद कर डीएवीवी और आरएनआई के हुक्मरानों द्वारा जो उत्पीड़न के नए नए तरीके इजाद कर इन्हें परेशान किया जा रहा है वो आम आदमी तो जानता है लेकिन सरकार इस ओर देखने को तैयार नहीं लगती है।
डीएवीपी और आरएनआई के अफसर मोदी सरकार को बदनाम करा रहे
पिछले एक दशक में पत्रकारों की मुफत रेल यात्रा समाप्त की गई। जो विज्ञापन मिलते थे वो तो बंद किए ही राष्ट्रीय पर्वो पर दिए जाने वाले विज्ञपन भी बंद कर दिए गए। डिजिटलीकरण की नाम पर नए नए नियम निर्धारित किए गए लेकिन ज्यादातर समय इनके सर्वर डाउन रहते हैं। ऑनलाइन अफसरों से बात नहीं हो पाती और व्यक्तिगत रूप से यह मिलने को तैयार नहीं है। इस व्यवस्था के चलते निरकंुश हुए डीएवीवी और आरएनआई के हुक्मरानों द्वारा खुलकर समाचार पत्र संचालकों का उत्पीड़न किया जा रहा है। यह किसी से छिपा नहीं है कि यह लघु और भाषाई समाचार पत्र देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के साथ ही हमेशा जनहित के कार्यो में भूमिका निभाते हैं लेकिन अब हर माह डीएवीवी जाकर समाचार पत्र जमा करने के जो नियम बनाए और उन लोगों को वहां बैठाया गया जो एबीसीडी भी नहीं जानते है परेशान करने का कोई मौका नहीं छोड़ते है। यह कहने में कोई हर्ज नहीं हो रहा है कि डीएवीवी और आरएनआई के अधिकारी मोदी सरकार को लघु और भाषाई समाचार पत्र का दुश्मन बनाने में कोई कमी नहीं छोड़ रहे है। हमारे पीएम इस श्रेणी के समाचार पत्रों की परेशानियों को जरूर समझते होंगे लेकिन कुछ अधिकारी सिर्फ उत्पीड़न करने अलावा कुछ नहीं कर रहे हैं। पिछले दिनों संसद में भी यह मुददा उठा था। और अब सांपदा्रयिक सौहार्द के लिए काम कर रहे सहारनपुर के सांसद इमरान मसूद का कहना है कि वो पत्रकारों की समस्या समाधान के लिए लोकसभा में निजी विधेयक लाएंगे। अपने संसदीय क्षेत्र के चकरौता रोड स्थित जिला प्रेस क्लब के मुख्य संरक्षक जावेद साबरी के आवास पर अपने स्वागत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थितों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज मीडिया को दबाने का प्रयास किया जारहा है। इसे रूकवाना जरूरी है। इसके लिए लोकसभा में प्राइवेंट मेंबर बिल लाना आवश्यक है। देश का ध्यान इस ओर आकर्षित किया जा सके और पत्रकारों की समस्याओं का समाधान हो इसके लिए मैं भरपूर प्रयास करूंगा। मेरा मानना है कि केंद्र सरकार सबके हित की सोच रही है लेकिन संबंधितों द्वारा पत्रकारों की समस्या उन तक नहीं पहुंचने दी जा रही जो अब इमरान मसूद के माध्यम से लोकसभा में गूंजेगी तो पीएम भी समस्याओं के समाधान के लिए कार्रवाई जरूर करेंगे यह बात विश्वास से कही जा सकती है।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
इमरान मसूद लोकसभा में लाएंगे पत्रकारों की सुरक्षा के लिए प्राइवेट मेंबर बिल और समस्याओं के समाधान का करेंगे प्रयास
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