asd लोक परलोक सुधारना है तो गधों को बचाओ, कुछ लोगों की अय्याशी के लिए सीधे सच्चे इस जानवर की जान से नहीं होना चाहिए खिलवाड़

लोक परलोक सुधारना है तो गधों को बचाओ, कुछ लोगों की अय्याशी के लिए सीधे सच्चे इस जानवर की जान से नहीं होना चाहिए खिलवाड़

0

कुम्हार पर बस नहीं चला तो गधे के कान उमेठ दिए, रहा गधे का गधा ही। अगर यौनवर्द्धक दवाओं में इनका इस्तेमाल होता रहा तो यह ग्रामीण किवदंती तो इतिहास की बात हो ही जाएगी। गधे भी ढूंढने से नहीं मिलेंगे। कुम्हारों को कपड़े और व्यापारियों को सामान तथा भटटे से इंर्ट ढोने का और माध्यम ढूढने के लिए होना पड़ेगा मजबूर। मगर सबसे बड़ी बात जानवरों की जो महत्वपूर्ण जाति समाप्ति की ओर बढ़ रही है वो काफी सोचनीय है।
बताते हैं कि दुनिया में हर साल 59 लाख गधों को उनकी खाल और यौनवर्धक दवाओं के लिए मारा जा रहा है। एक रिपोर्ट में सामने आया है कि चीन उनकी खाल से एजियाओ का उत्पादन करता है। इसके लिए चीनी कंपनियां और उनके ठेकेदार पूरे अफ्रीका में लाखों गधे मार रहे हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि चीनी कंपनियां गधे की खाल से जिलेटिन प्राप्त कर रही हैं, जिसे चीन में दवाओं के साथ लोकप्रिय मिठाइयों और सौंदर्य उत्पादों में इस्तेमाल किया जाता है। खासकर यौनवर्धक, पौरुष शक्ति और ताकत बढ़ाने वाली दवाइयों के लिए इनकी बहुत ज्यादा मांग है। यदि इसे रोका न गया तो मारे जाने वाले गधों का संख्या 2027 तक 14 फीसदी बढ़कर 67 लाख तक पहुंच सकती है। दुनियाभर में गधों और खच्चरों की बेहतरी के लिए काम करने वाली संस्था द डंकी सैंक्चुअरी ने इस बारे में जारी ताजा रिपोर्ट में इनके शिकार के बारे में पूरी जानकारी दी है।
गधों की हत्या और तस्करी के पीछे की सबसे बड़ी वजह एजियाओ की बढ़ती मांग है। एजियाओ को कोला कोरी असीनी या डंकी हाइड ग्लू (गधे में छिपी गोंद) भी कहा जाता है। इसका बड़े पैमाने पर उपयोग चीन की पारंपरिक दवाओं में किया जाता है। चीन ब्यूटी प्रोडक्ट्स में भी इनका इस्तेमाल करता है। ब्रुध इंडिया (बीआई) की ओर से जारी रिपोर्ट द हिडन हाईड के अनुसार 2012 से 2019 के बीच भारत में गधों की आबादी में 61.2 फीसदी की भारी कमी आई है।
गधे की खाल से निकाले गए कोलेजन से बनता है एजियाओ
एजियाओ गधे की खाल से निकाले गए कोलेजन से बनता है। खाल से निकाले जाने के बाद इससे गोलियां, बार या तरल रूप में दूसरी चीजों के साथ मिलाकर अनेक तरह के उत्पाद बनाए जाते है। 2013 में एजियाओ का उत्पादन 3,200 टन था, जिसके लिए 12 लाख गधों की खालों की जरूरत पड़ी थी।
इंसानों को जिंदा रखने के लिए दवाई जरूरी है। जिससे सेहत सुधरी हुई रहे मगर कुछ लोगों की अय्याशी और मनोरंजन के लिए यौनवर्द्धक दवाईयां बनाने हेतु गधों का ही नहीं किसी भी जानवर का उपयोग उचित नहीं कहा जा सकता। अभी यह संतोष की बात है कि भारत में गधों के दुश्मन इतना पैदा नहीं हुए हैं जितना चीन में हो गए हैं। मेरा मानना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एनिमल सुरक्षा के लिए सक्रिय संगठनों को एक होकर गधों को बचाने की मुहिम समय रहते छेड़नी चाहिए। यह किसी से छिपा नहीं है कि गधा एक ऐसा सीधा जानवर है जो लोगों के घर पालने और उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने के अलावा चलने फिरने में मजबूर श्रद्धालुओं को पहाड़ों में धार्मिक स्थलों तक ले जाकर भगवान के दर्शन कराता है। वह लोक और परलोक दोनों ही सुधारने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। यह जीव किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता। इतनी उम्र हो गई दो चार बार छेड़ने पर किसी को लात मारने की बात तो सुनी होगी मगर इसने किसी को काटा हो या परेशान किया हो ऐसी बात सुनने को इस जानवर के बारे में कहीं नहीं मिलती। मेरा भारत सरकार के पशुओं से संबंध मंत्री और अधिकारियों के साथ साथ देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी से भी आग्रह है कि गधे को बचाने के लिए विशेष प्रयास किए जाएं। वरना हमारी युवा पीढ़ी कुछ दशकों के बाद गधों के फोटो और चित्र देखकर ही यह समझ पाएगी कि इस नाम का कोई जानवर हुआ करता था।
गधों के माध्यम से देश के कितने परिवार पलते हैं इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि यूपी के मुरादाबाद के गांव गखरपुर निवासी मेरे मामा रामगोपाल बिश्नोई जहांगीरपुर भोजपुर जटपुरा आदि गांवों में लगने वाले ग्रामीण बाजारों में गधों पर अनाज लादकर ले जाते थे और अनेक बार मुझे भी उनके साथ जाने का मौका मिला और उनके इसी कार्य से पूरा परिवार पलता था जो इस बात का प्रतीक है कि देश के हजारों गांवां को रोजी रोटी गधे के माध्यम से ही मिलती है।

Share.

Leave A Reply

sgmwin daftar slot gacor sgmwin sgmwin sgm234 sgm188 login sgm188 login sgm188 asia680 slot bet 200 asia680 asia680 sgm234 login sgm234 sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin asia680 sgmwin sgmwin sgmwin asia680 sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgm234 sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin ASIA680 ASIA680