asd अबे बेशर्माें कुछ तो शर्म करो!

अबे बेशर्माें कुछ तो शर्म करो!

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हमारी सरकार बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओं का साकारात्मक नारा देकर उसे लागू करने का प्रयास भी करती नजर आ रही है। तथा महिला सुरक्षा के लिए काम करने के दावे तो थाना स्तर से शासन तक किये जा रहे है। और इस संदर्भ में प्रयास भी किये जा रहे है मगर फिर वो क्या कारण है कि माननीय मुख्यमंत्री जी अपनी हर सभा में मातृ शक्ति को सम्मान देने और उसकी सुरक्षा के लिए हमेशा तैयार रहने की बात कह रहे है। लेकिन जो भी हो इसमें लागू करने में कमी कहां है यह देखना सरकार और उसके अधिकारियों का काम है। जो शायद जिम्मेदारी के साथ उनके द्वारा नहीं किया जा रहा वर्ना लगभग रोज ही जो बच्चियों के साथ दुष्कर्म मारपीट और छेड़छाड़ की घटना हो रही है वो अब तक बंद नहीं तो कम जरूर हो जाती। बताते चले कि दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवें पर काशी टोल प्लाजा पर गत दिवस एक गाड़ी रूकवाने से गुस्साये कार चालक ने सामने खड़ी टोल सुपरवाईजर मनीषा चौधरी को टक्कर मारकर काफी दूर तक घसीटते हुए ले गया। जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। तो सहारनपुर जिले के गंगो कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी मासूम बच्ची जो भंडारे से प्रसाद लेकर अपने घर जा रही थी के संग कामंध युवक ने दुष्कर्म किया। इसी प्रकार मेरठ के लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र में दुकानदार ने मासूम बच्ची से की छेड़छाड़। दूसरी तरफ लोहियानगर के हिमांयूनगर में मनचले ने बेटी से छेड़छाड़ का विरोध करने पर मां का गला काट दिया। तो मेरठ के थाना सदर बाजार में एक युवती के साथ की गई मारपीट। इसी प्रकार इसी जनपद के थाना परतापुर क्षेत्र के एक गांव में आठ साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया गया। ऐसी अनेक घटनाऐं पढ़ने और सुनने को आये दिन मिल रही है। आखिर यह कब रूकेगी। यह सबको सोचना होगा।
यह बात सही है कि अगर कोई घर से कुछ सोचकर चलता है तो उसके घटना को अंजाम देने से पहले कुछ भी पता चल पाना संभव आसानी से नहीं होता है। लेकिन अगर जिम्मेदार अधिकारी समय से दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने लगे तो सरकार की मंशा के अनुसार ऐसी घटनाओं पर अंकुश जरूर लग सकता है। माननीय मुख्यमंत्री जी इन सौहदे बेसर्मों को तो अकल आने की नहीं अब तो आप ही थोड़ा सख्ती कर महिलाओं से किसी भी प्रकार के उत्पीड़न से संबंध व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई न करने वाले क्षेत्र के थानेदार के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी वर्ना इस संदर्भ में सरकार द्वारा किये जा रहे कार्य और मुख्यमंत्री जी के दावे दोनों ही बेअसर होते नजर आयेंगे।
सवाल यह भी उठता है कि इस प्रकार की घटना को अंजाम देने वाले यह क्यों नहीं सोचते कि उनके घर पर भी बच्चियां व जवान लड़कियां होगी उन्हें जन्म देने और उनको राखी बांधने वाली महिला ही है। अरे बेशर्मो कुछ तो शर्म करो और सोचो कल को जो तुम कर रहे हो तुम्हारे घर की महिलाओं के साथ भी अगर कोई ऐसा करेगा तो तुम्हें कैसा लगेगा। वर्ना सरकार व पुलिस देर सवेर दबोच ही लेगी तब जो होगा उसका अंदाज भी लगाना मुश्किल है। परिवार की इज्जत और भविष्य के लिए सभी महिलाओं का सम्मान करो और किसी के साथ भी जबरदस्ती नहीं।


(प्रस्तुतिः अंकित बिश्नोई सोशल मीडिया एसोसिएशन एसएमए के राष्ट्रीय महामंत्री मजीठिया बोर्ड यूपी के पूर्व सदस्य)

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