Date: 10/12/2024, Time:

जर्मनी से भारतीयों के ल‍िए खुशखबरी, कामगारों के लिए जारी किए जाएंगे 2 लाख वीजा

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बर्लिन 18 नवंबर। जर्मनी बीते कुछ समय से मजदूरों की कमी का चलते अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में संकट का सामना कर रहा है. इसी संकट को देखते हुए जर्मनी की सरकार ने पिछले साल भी अपने श्रम बाजार को बढ़ावा देने के लिए इमिग्रेशन नियमों में ढील दी थी. वह अभी भी कामगारों की कमी का सामना कर रहा है. ऐसे में अब जर्मनी की सरकार ने कुल श्रमिक वीजा की संख्या को बढ़ाने का निर्णय लिया है. सरकार ने रविवार (17 नवंबर) को इसकी जानकारी दी. इस निर्णय के मुताबिक, सरकार पिछले साल की तुलना में इस साल (2024) में 10 प्रतिशत बढ़ाने का फैसला किया है. जर्मनी की सरकार का लिया हुआ यह भारत के लोगों के लिए खुशखबरी है. इस फैसले से भारतीयों का फायदा हो सकता है.

डीडब्ल्यू की रिपोर्ट के अनुसार, जर्मन सरकार ने पिछले साल कनाडा से प्रेरित एक प्वाइंट बेस्ड सिस्टम को अपनाया था. जिसे ऑप्युर्चिनिटी कार्ड के रूप में जाना जाता है. इसके तहत पेशेवरों और विश्वविद्यालय के स्नातकों के लिए देश में प्रवेश दिलाने, पढ़ाई करने और काम की तलाश को काफी आसान बना देता है. इससे गैर-यूरोपीय संघ के देशों के कुशल कामगारों को उनकी योग्यता को मान्यता दिए बिना जर्मनी में प्रवेश करने की अनुमति मिल गई है.

जर्मन सरकार ने दिया संयुक्त बयान
जर्मन सरकार के तीन मंत्रालयों के एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि इस साल के आखिर तक करीब 2,00,000 पेशेवर वीजा जारी किए जाएंगे। यह 2023 के मुकाबले में 10 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि है। बयान में कहा गया है कि जर्मनी में पढ़ाई करने, वोकेशनल ट्रेनिंग पूरी करने या विदेशी योग्यता को मान्यता देने के लिए वीजा में बहुत रुचि दिखी है। गैर-ईयू राज्यों के छात्रों को जारी किए गए वीजा की संख्या में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई

जर्मनी की होम मिनिस्टर नैन्सी फेसर ने कहा है, ‘प्रतिभाशाली युवा जर्मनी में अपनी पढ़ाई और ट्रेनिंग ज्यादा आसानी से पूरा कर सकते हैं। ऑप्युर्चिनिटी कार्ड कुशल लोगों को आसानी से उपयुक्त नौकरी पाने का मौका दे रहा है। मंत्री एनालेना बेयरबॉक ने भी इस सुधारनों की सराहना की है। उन्देहोंने कहा कि देश में श्रम की निरंतर कमी को इससे पूरा किया जा सकेगा।

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