Date: 27/07/2024, Time:

शहर में स्वच्छ माहौल और गरीबों के इलाज के लिए आवश्यकता है आकांक्षा जैसी समाजसेवी संस्थाओं और अनीता सिंघल जैसी सोच की

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सरकार के लाख दावों के बावजूद समाज में अभी कई ऐसी समस्याएं हैं जिनका समाधान अकेले शासन द्वारा किया जाना संभव नहीं है। पूर्व में भी जब इतनी समस्याएं नहीं थी तो भी सामाजिक संगठन ऐसी परेशानियों का हल ढंूढने में भूमिका निभाते थे। लेकिन हमारी एक आदत बनती जा रही है कि हर काम नेताओं के उपर डाल देते हैं। खुद कुछ करने की कोशिश कम ही की जाती है। सब जानते हैं कि आज से बीस साल पूर्व ना तो इतनी गंदगी होती थी और ना ही इतनी बीमारियां। आबादी बढ़ती रही। रिहायशी क्षेत्रफल में बढ़ोतरी होती रही लेकिन जिम्मेदार सतर्क नहीं हुए जिससे बीमारियों के इलाज और सफाई के लिए पैसा और सुविधा सरकार से मिलने के बाद भी गंदगी से बीमारियां उत्पन्न हो रही है उससे कोई भी अनभिज्ञ नहीं है। लेकिन सवाल यह उठता है कि अब आकांक्षा जैसी सामाजिक संस्थाएं और उन्हें चलाने वाली महिलाएं आगे क्यों नहीं आ रही। बताते चलें कि लगभग दो दशक पूर्व यहां जब प्रदेश के मुख्य सचिव रहे दीपक सिंघल कमिश्नर और अवनीश अवस्थी डीएम थे तब अनीता सिंघल और प्रसिद्ध लोकगायिका मालिनी अवस्थी द्वारा तत्कालीन एडीएम सिटी की पत्नी शीबा तनवीर, अपर नगर आयुक्त राजेंद्र सिंह की पत्नी रश्मि सिंह, आदि द्वारा समाज के तमाम क्षेत्रों में बिना कोई दिखावा किए बिना सेवा भाव से काम करने वाली पारूल गुप्ता आदि के सहयोग से आकांक्षा नामक संस्था को विस्तार दिया गया। उस समय चार हजार रूपये में भी लाइन लगाकर होने वाले एक्सरे गंभीर बीमारियों का इलाज गांवों में कैंप लगाकर होने लगा था। तो इन महिलाओं की टोली जब सफाई अभियान चलाती थी तो शहर के नागरिक अपने अपने क्षेत्रों में काम करते थे जिससे सफाई नजर आती थी। इसके अतिरिक्त दीपक सिंघल आदि ने दवा संगह कैंप लगवाए जिससे घरों में बेकार दवाई इकटठा कर उनका वितरण गरीबों में कराना शुरू किया। जिसके चलते शहर में सफाई और खुशहाली दिखाई देती थी। जरूरतमंदों के लिए निशुल्क दवाई और डॉ राजीव अग्रवाल जैसे वरिष्ठ डॉक्टर निशुल्क देखने के लिए उपलब्ध होते थे लेकिन अब संगठन तो बहुत से नजर आते हैं लेकिन आकांक्षा जैसा संगठन और दवाई वितरण उस स्तर पर दिखाई नहीं देता जो आम आदमी के लिए प्रदूषण रहित माहौल और सुविधाएं जरूरतमंदों को उपलब्ध करा सके। मेरा समाज के प्रतिष्ठित नागरिकों धनवानों उद्योगपतियों और व्यापारियों से आग्रह है कि वो आगे बढ़कर सेवा भाव से आकांक्षा जैसे सेवा कार्य कराए जिससे जरूरतमंद व्यक्ति को हर मामले में सरकार की ओर देखने की आवश्यकता ना पड़े। जरूरत हो तो दीपक सिंहल और मालिनी अवस्थी जो नोएडा में ही रहते हैं और आज भी सामाजिक कार्यों में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। इच्छुक संगठन वहां जाकर उनसे विचार कर उनकी जानकारियों और आयोजनों का लाभ आसानी से उठाकर जनता को राहत पहुंचा सकते हैं। नगर निगम आदि से कोई फिलहाल कोई उम्मीद की नहीं जा सकती क्योंकि करोड़ों रूपये खर्च कर शहर को स्मार्ट सिटी नहीं बना पाए वो जनसमस्याओं का दर्द क्या समझेंगे।

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