asd नगर निगम व स्थानीय निकायों के अधिकारियों से वसूला जाए जुर्माना, शहर व देहातों में गंदगी इन्हीं में से कुछ की लापरवाही से हो रही है

नगर निगम व स्थानीय निकायों के अधिकारियों से वसूला जाए जुर्माना, शहर व देहातों में गंदगी इन्हीं में से कुछ की लापरवाही से हो रही है

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एनजीटी नेशनल ग्रीन टिव्यूनल के सदस्य जस्टिस अरूण त्यागी और डॉ. अफरोज अहमद की दो सदस्यीय पीठ द्वारा कहीं भी कूड़ा फेंकने पर 50 हजार रूपये तक का जुर्माना किए जाने का प्रावधान किया है। संबंधित खबर के अनुसार यूपी में चिन्हित जगहों को छोड़कर कहीं भी कूड़ा कचरा फेंकने या जलाने पर भारी जुर्माना देना पड़ेगा। सड़क किनारे नदी नाले झीलों के साथ ही सरकारी भूमि पर कचरा फेंकने या जलाने पर यह प्रावधान लागू होंगे। समाचार में बताया गया है कि आदेश का उल्लंघन होने पर पांच हजार से लेकर 25 हजार का जुर्माना देना होगा। जुर्माने की रकम 50 हजार तक हो सकती है। पर्यावरण संतुलन बनाने के दृष्टिकोण से दिए गए इस आदेश के तहत उप्र के मुख्य सचिव शहरी विकास सचिव पंचायत व ग्रामीण विकास के साथ राज्य प्रदूषण बोर्ड के सदस्य के अतिरिक्त गोरखपुर नगर निगम के आयुक्त जिला मजिस्ट्रेट आदि को भी आदेश की कॉपी भेजी गई है। बता दें कि गोरखपुर के रामविलास साहनी की ओर से 2022 में भेजे गए पत्र का संज्ञान लेते हुए उक्त आदेश किया गया है। उन्होंने अपने पत्र में कहा था कि नौसड़ एकला बांध कलानी के पास राप्ती नदी में करीब 500 टन कूड़ा गिराया गया है जिसकी वजह से नदी प्रदूषित हुई है।
माननीय सदस्यों द्वारा जो आदेश दिया गया वो महत्वपूर्ण है लेकिन हो सकता है मेरी राय गलत हो लेकिन जगह जगह पड़े कूड़े और गंदगी के लिए नगर निगम और स्थानीय निकायों के कुछ अधिकारी और कर्मचारी दोषी है। मेरा मानना है कि जांच कराकर देखा जाए और मेरी बात सही हो तो नगरायुक्तों नगर पालिका परिषद के अध्यक्षों को ही जुर्माने की परिधि में लाया जाए क्योंकि कूड़ा लाने ले जाने और नाले नालियों की सफाई के बारे में अदालत और एनजीटी द्वारा पूर्व में जो निर्देश दिए गए हैं उनमें से ज्यादातर का उल्लंघन खुद संबंधित विभागों की नाक के नीचे हो रहा है। प्रदेश में जहां तहां गाड़ियों में बिना ढके कूड़ा ले जाया जाता है जिससे माहौल प्रदूषित होता है और सड़कें गंदगी हो जाती है। नाले नालियों की सफाई के बाद कई दिनों तक गंदगी सड़क किनारे पड़ी रहती है। शहर और महानगरों को जोड़़ने वाले मार्गों सहित कई स्थानों पर अनाधिकृत रूप से इन विभागों के अधिकारियों को पता होने के बावजूद कूड़ा डाल दिया जाता है जिससे आने जाने वालों को गंदगी व बदबू क सामना करना पड़ता है और कई बीमारियां उत्पन्न होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)

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