Date: 27/10/2024, Time:

मतदाता को जागरूक करने में सफल रहा निर्वाचन आयोग और अधिकारी, कुछ बयानवीर छपासखोरों के कारण कम हुआ मतदान

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सात में से अभी दो चरणों के संपन्न हुए लोकसभा चुनाव का मतदान में वोटिंग क्यों कम रही यह तो पूर्ण रूप से जांच का विषय है। कोई कह रहा है कि अपने दलों में माननीय समझे जाने वाले अपने क्षेत्र के बूथों तक मतदाता को ले जाने और घर से निकालने में सफल नहीं रहे। तो कोई कम मतदान को जाति और प्रत्याशी के कमजोर होने से जोड़कर अपनी बात कह रहा है। तो कई का मत है कि दूसरे दौर के मतदान के दिन भयंकर गर्मी रही। पारा 41 डिग्री पार हो गया। कुछ वोटर फसल कटाई में लगे हुए थे इसलिए मतदान कम रहा। तो एक चर्चा यह भी है कि अगर राजस्थान में 61 विधानसभा क्षेत्रों में महिला वोटिंग प्रतिशत पुरूषों से अधिक रहा तो अन्य कुछ जगहों पर महिलाओं की भी भागीदारी कुछ कम रही। कुल मिलाकर मतदान प्रतिशत की असली वजह तो जब सातों चरणों का चुनाव निपट जाएगा और राजनीतिक दल व उम्मीदवार समीक्षा करेंगे तथा मतदान की गतिविधयों पर नजर रखने वाला संगठन अपनी रिपोर्ट देगा तभी स्पष्ट होगा।
जहां तक मुझे मतदान संबंधी खबरें पढ़कर और जागरूक नागरिकों से वार्ता से पता चला उसके आधार पर विश्वास के साथ यह कह सकते हैं कि पूर्व चुनावों के मुकाबले मतदान का प्रतिशत बढ़ाने और मतदाताओं को बूथ तक जाने के लिए हर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत रहा निर्चाचन आयोग और जिलों के निर्वाचन अधिकारी तो अपने मकसद में सफल रहे क्योकि वोटरों को जागरूक करने के मामले में इनके द्वारा कोई कमी कहीं भी की गई हो ऐसा नजर नहीं आता है। तो फिर कुछ मतदाताओं का यह कथन कि वोट प्रतिशत कम क्यो रहा महत्वपूर्ण है और इसके लिए मुझे लगता है कि हर लोकसभा क्षेत्र में अफसरों और वीआईपी व नेताओं के इर्दगिर्द घूमने मतदाता जागकरूता के लिए होने वाली बैठकों में बड़ी बड़ी बात करने और बयान देने वाले कुछ छपासखोर और बयानवीरों की वजह से मतदान कम रहा। क्योंकि जितना पता चलता है उसके अनुसार हवाई घोड़े दौड़ाने वाले यह घोषणावीर अपने मोहल्लों और आसपास के लोगों की वोट भी पूरी तौर पर नहीं डलवा पाए जो यह आसानी से डलवा सकते थे। मैं कोई समीक्षक तो हूं नहीं लेकिन जितना मुझे लगता है भले किसी को बुरा लगे लेकिन सही तो यही है कि वोट डलवाने की बात करने वाले कुछ नहीं करवा पाए। और मतदान बढ़ाने में फिसडडी ही रह गए क्योंकि इनमें से ज्यादा के क्षेत्र में कम वोटिंग होने की खबरों की चर्चाएं मिल रही है।

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