बीती 28 जुलाई को दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर के कोचिंग राव आईएएस स्टडी के बेसमेंट में पानी भर जाने के बाद आईएएस की तैयारी कर रही अंबेडकर नगर की श्रेया यादव बिहार की तान्या और केरल के एविन डाविन की मौत के लिए जिम्मेदार मानते हुए कोचिंग सेंटर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अभिषेक गुप्ता कॉर्डिनेटर देशपाल सिंह आदि को गिरफ्तार कर लिया गया। इस प्रकरण से आक्रोशित छात्रों एवं अभिभावकों ने घटना के बाद सड़कों पर जाम लगाकर प्रदर्शन किया। जिसके बाद 13 कोचिंग सेंटर सील किए गए। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना का कहना है कि हादसा अपराधिक लापरवाही की ओर इशारा करता है। और जैसा कि हमेशा होता है। इस घटना के बाद भी छापेमारी धरपकड़ आरोप प्रत्यारोप शुरू हो गए।
लेकिन इस बार सबसे बड़ी बात यह हुई कि कोचिंग हादसे पर दिल्ली हाईकोर्ट सख्त हुआ। और उसका कहना है कि यह मुफतखोरी की संस्कृति के कारण यह सब हुआ। हाईकोर्ट ने दिल्ली नगर निगम दिल्ली पुलिस के उपायुक्त और जांच अधिकारियों को नोटिस जारी कर कार्रवाई के बारे में पूछा। और कहा गया कि क्या किसी को पकड़ा गया। अदालत का कहना था कि सभी अनाधिकृत निर्माण पुलिस व एमसीडी की मिलीभगत से हो रहे हैं। वरिष्ठों की बजाय राहगीरों को क्यों गिरफतार किया गया। एसी कमरों में बैठे अधिकारियों का क्या हुआ। तो दूसरी तरफ सरकार के अधिवक्ता ने कहा कि जांच ठीक से नहीं हुई तो केंद्रीय एजेंसी को लगाएंगे।
बताते चलें कि यह बेसमेंट संस्कृति टयूशन पढ़ाने और कोचिंग सेंटर वालों के कारण ही विकसित हो रही है। राजस्थान के जयपुर में विश्वकर्मा क्षेत्र में बेसमेंट में घुसे बारिश के पानी के चलते बच्ची समेत तीन की मौत हो गई तो यूपी के देवबंद के मोहल्ला बडजियाउल हक में बैंक में अर्द्धनिर्मित बेसमेंट में भरे पानी में दौड़ रहे करंट की चपेट में आकर उजियान और सूफियान की मौत हो गई।
जो इस बात का प्रतीक है कि यह बेसमेंट नामक कोढ़ किसी एक स्थान पर नहीं पूरे देश में चल रहा है। और अब दावे और भाषणों शोक श्रद्धांजलि देने व मोमबत्ती जलाने से काम चलने वाला नहीं है। जो भी दोषी हो बिना किसी भेदभाव के उसके विरूद्ध होनी चाहिए सख्त से सख्त कार्रवाई। क्योंकि जब तक लीपापोती चलती रहेगी तब तक इस समस्या का समाधान होने वाला नहीं है। अपनों से आत्मा के अंश ना बिछड़े इसे ध्यान रखते हुए इस काम में देर सही नहीं है। अदालत और सरकार भी इसका संज्ञान ले रही है इसलिए उम्मीद की जाती है कि शायद अब कुछ कार्रवाई हो।
स्मरण रहे कि दिल्ली में ओल्ड राजेंद्र नगर, साउथ एक्स, कृष्णा नगर लक्ष्मी नगर यमुना पार किदवई नगर में बहुतायत में और बाकी तो लगभग तमाम जगहों पर उच्च शिक्षा के लिए कोचिंग सेंटर खुले हुए हैं और इनमें से 80 प्रतिशत कावकनुमा बने हैं। जानकारों का कहना है कि यह ज्यादातर अवैध रूप से बने हैं। मोटा किराया लेकर बच्चों को यहा रखा जाता है और सुविधा के नाम पर कुछ नहीं होता।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
दिल्ली कोचिंग प्रकरण: एसी में बैठने वाले अधिकारियों को कब पकड़ा जाएगा
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