आजकल मीडिया में स्वास्थ्य संबंधी खबरों के साथ साथ वाहन चलाते हुए हार्टअटैक पड़ने या अन्य बीमारी हो जाने की खबरें खूब पढ़ने सुनने और देखने को मिल जाती है। गत दिवस यूपी के मेरठ की तहसील मवाना में एक ऑटो चालक को मवाना इंचाली बॉर्डर पर नंगली ईशा गांव के पास दिल का दौरा पड़े और उसकी मौत हो गई। यह तो भगवान का शुक्र है कि यात्रियों को कोई नुकसान नहीं हुआ लेकिन यह तो टेंपो का मामला है। हवाई जहाज ट्रेन और बसें जिनमें सैंकड़ों से लेकर हजारो तक यात्री सफर करते हैं। उनमें अगर चालक को ऐसी समस्या पैदा होती है तो इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि काफी लोगों की जान दुविधा में पड़ सकती है।
माननीय प्रधानमंत्री जी अपना देश हर क्षेत्र में तरक्की करने के साथ साथ निरंतर नए नए आविष्कार कर रहा है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए मेरा आम आदमी की जानमाल की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह सुझाव है कि सड़क परिवहन और स्वास्थ्य मंत्रालय आदि के मंत्री अधिकारियेां की एक समिति बनाकर देश के वैज्ञानिकों से इस बारे में चर्चा की जाए। और कुछ ऐसा उपाय खोजा जाए कि अगर किसी भी प्रकार का वाहन चलाते हुए उसका ड्राइवर कोई परेशानी महसूस करता है या वाहन से उसका नियंत्रण समाप्त होने लगता है तो अपने आप जहाज या बस को नियंत्रित किया जा सके क्येांकि यह वक्त की अब सबसे बड़ी मांग मुझे लगता है हो जाएगी। बताया जाता है कि ट्रेन में ऐसी कुछ व्यवस्था है और हवाई जहाज का कंट्रोल भी किए जाने की चर्चा सुनी जाती है। अब रही बस की बात तो इस बारे में भी ऐसा कोई आविष्कार हो तो यात्राएं सुरक्षित हो सकती है।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
वाहन में हार्ट अटैक से मौत, यात्रियों को बचाने के हो व्यापक इंतजाम
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