लेह 05 अगस्त। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की श्रीनगर इकाई ने क्रिप्टोकरेंसी घोटाले के सिलसिले में लेह, जम्मू और हरियाणा के सोनीपत में छह स्थानों पर तलाशी ली। एजेंसी ने इस दौरान एक करोड़ रुपये नकद के साथ में आपत्तिजनक दस्तावेज और संपत्ति रिकॉर्ड जब्त किए हैं।
ईडी के मुताबिक, इस हफ्ते की शुरुआत में एआर मीर और अन्य के खिलाफ धन शोधन मामले में छापेमारी की गई थी। ईडी ने एक पोस्ट में कहा कि यह मामला इमोलिएंट कॉइन नाम की नकली क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने के लिए झूठे तरीके से प्रभावित करके निर्दोष लोगों को धोखा देने से जुड़ा है।
ईडी के मामले की जानकारी देते हुए कहा है कि 2 अगस्त को तलाशी अभियान के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज, संपत्ति के दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस और 1 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए।
ईडी ने एक बयान में कहा कि जांच लेह एवं अन्य स्थानों के लोगों को धोखा देने के मामले से जुड़ी है। इन लोगों को ‘एमोलिएंट क्वाइन’ नामक नकली क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने पर महज 10 महीने में उनका पैसा दोगुना हो जाने का आश्वासन दिया गया था। ईडी के अनुसार सोनीपत का नरेश गुलिया ‘एमोलिएंट क्वाइन लिमिटेड’ नामक कंपनी के माध्यम से ‘फर्जी’ क्रिप्टोकरेंसी को बढ़ावा दे रहा था। इस कंपनी की सितंबर 2017 में ब्रिटेन में स्थापना की गयी थी।
ईडी ने आरोप लगाया कि लेह में जम्मू के अजय कुमार चौधरी और चरणजीत सिंह उर्फ चुन्नी तथा स्थानीय व्यक्ति अत्तिउल रहमान मीर फर्जी क्रिप्टोकरेंसी निवेश कंपनी चला रहे थे और निवेशकों को आश्वासन दिया गया कि 10 महीने में उनका पैसा दोगुना हो जाएगा एवं उन्हें फर्जी क्रिप्टोकरेंसी के विपणन से निर्धारित प्रतिशत कमीशन भी मिलेगा।
ईडी की यह जांच जम्मू कश्मीर पुलिस द्वारा मार्च 2020 में दर्ज की गयी एक प्राथमिकी पर आधारित है। उसने कहा कि तलाशी के दौरान कई अभियोजनयोग्य सामग्री, संपत्ति के कागजात एवं डिजिटल उपकरणों के अलावा एक करोड़ रुपये नकद जब्त किया गया। हालांकि निदेशालय ने यह नहीं बताया कि एक करोड़ रुपये कहां से या किस परिसर से मिले।