सहारनपुर 22 फरवरी। कांग्रेस पार्टी के जिला अध्यक्ष से करीब डेढ़ करोड़ रुपये की ठगी का मामला सामने आया है. जालसाजों ने कांग्रेस जिलाध्यक्ष से 1 करोड़ 45 लाख रुपये ले लिए थे. बार-बार कहने पर भी आरोपी न तो बैनामा करने को तैयार नहीं हुआ और न पैसे वापस लौटाए. इसके बाद पीड़ित ने कोर्ट की शरण ली. सीजीएम-1 कोर्ट ने केस दर्ज कर जांच के आदेश दिए हैं. कोर्ट के आदेश पर थाना फतेहपुर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है.
थाना फतेहपुर इलाके के गांव बेहड़ा कलां निवासी संदीप राणा कांग्रेस पार्टी के जिला अध्यक्ष हैं. संदीप राणा अपने साथियों के साथ मिलकर जमीन खरीदने और कॉलोनी काटने का काम करते हैं. संदीप राणा ने बताया कि 2021 में सगे भाई नरेंद्र शर्मा, विनोद शर्मा, वीरेंद्र शर्मा और श्यामलाल शर्मा सगे ने लखनौती कलां में 15 बीघा जमीन का सौदा किया था. 28 लाख रुपये प्रति बीघा के हिसाब से सौदा तय हुआ था. 17 सितंबर 2021 को दोनों पक्षों के बीच 18 महीने का एग्रीमेंट हुआ. संदीप राणा ने बताया कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर डील के तहत अलग-अलग तारीखों में 1.04 करोड़ रुपये दिए, जिसकी रसीदें भी ली गईं. कुछ हिस्से पर कब्जा मिलने के बाद प्लाटिंग शुरू कर दी. करीब 40 लाख रुपये सड़क निर्माण पर खर्च कर दिए.
संदीप राणा ने बताया कि जब बैनामा कराने का समय आया तो आरोपी टालमटोल करने लगे. कहते रहे कि वे प्रॉपर्टी खरीदने वालों के नाम खुद बैनामा कर देंगे. बार-बार अनुरोध किया तो 11 अक्टूबर 2024 को आरोपियों ने बैनामा करने से साफ इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि अब जमीन की कीमत बढ़ गई है, इसलिए नया सौदा तय किया जाएगा. संदीप राणा ने बताया कि पता चला कि जिस जमीन का सौदा हुआ था, उस पर विवाद चल रहा है. खसरा नंबर 54 की जमीन मौके पर मौजूद नहीं है और इसका कुछ हिस्सा खसरा नंबर 51 में आता है, जो पहले से ही कानूनी विवादों में उलझा हुआ है. संदीप राणा ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि बैनामा करने या पैसे वापस करने की बात कही तो आरोपियों ने धमकी देना शुरू कर दिया.
आरोप है कि संदीप राणा और उसके साथियों ने इस मामले की शिकायत कोतवाली देहात थाने में की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. पुलिस ने आरोपियों को बुलाकर मामला निपटाने की कोशिश की. इसके बावजूद भी आरोपियों ने न तो बैनामा किया और न ही 1.45 करोड़ रुपये वापस करने को तैयार हुए. संदीप राणा का आरोप है कि उन्होंने एसएसपी को भी पत्र दिया, लेकिन वहां से भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसीलिए उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. कोर्ट ने एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच करने के आदेश दिए हैं.