Date: 27/07/2024, Time:

सफल धार्मिक उत्सव पर सभी को बधाई ! नरेंद्र मोदी के प्रयास अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा को सदियों तक नहीं भुला पाएंगे हम और हमारी भावी पीढ़ी, बढ़ेगा सदभाव और भाईचारा, राष्ट्रीय एकता दिवस घोषित हो

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84 सेकेंड के भगवान राम की नगरी अयोध्या में हुए प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रमों में 84 लाख योनियों की प्राण शक्ति का कार्य संपन्न हो गया। इस अभूतपूर्व अवसर के लिए कई सदियों तक हमारी भावी पीढ़ी देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और उनके द्वारा लिए गए निर्णयों एवं 500 साल की संघर्ष यात्रा में राम मंदिर के लिए जिन महापुरूषों ने योगदान दिया उन्हें कभी नहीं भूल पाएगी। पिछले लगभग 15 साल में मोदी सरकार ने क्या किया क्या नहीं यह एक अलग बात है। लेकिन यह एक अटल सत्य है जिसे कोई नहीं झूठला सकता कि मर्यादा पुरूषोत्तम देश के युवाओं की प्रेरणा भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा समारोह की शुभ घड़ी सिर्फ पीएम मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से संपन्न हो पाई।
कुछ लोग कह रहे हैं कि इस धार्मिक समारोह के माध्यम से नरेंद्र मोदी द्वारा 2024 के लोकसभा चुनाव का शंखनाद किया गया है। अगर देखा जाए तो इसमें कुछ गलत भी नहीं है। मगर देश में एक कहावत है कि हम हर बात को जल्दी ही भूल जाते हैं इस दृष्टि से देखे तो भगवान राम हमारी आस्था में बसे हैं जिन्हें हम किसी भी रूप में कभी नहीं भूल सकते लेकिन यह पक्का नहीं कह सकते कि इस आयोजन को लेकर भाजपा को कितने वोट पड़ेंगे। और जनता उसे इस काम के लिए कितना याद रखेगी।
आज प्रात ऐतिहासिक क्षण में अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा से पहले अयोध्या में मंगल ध्वनि गूंजी। साढ़े दस बजे तक हुआ प्रवेश। 12 बजकर 20 मिनट पर शुरू हुई प्राण प्रतिष्ठा की विधि चार घंटे मौजूद रहे प्रधानमंत्री कार्यक्रम में । जैसे ही यह धार्मिक आयोजन संपन्न हुआ दुनियाभर में अपने देश का यह संदेश पहुंच गया कि हम जो संकल्प करते हैं वो भले ही देर हो लेकिन हर हाल में पूरा करने की कोशिश हमारे द्वारा की जाती है। क्योंकि हम हमेशा मजबूत इच्छाशक्ति के चलते अपना आत्मविश्वास बनाए रखते है।
अयोध्या में इस अवसर पर दस लाख दीपों से हुई जगमगहाट रघुपति राघव राजा राम का संदेश देकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने जो रामराज का सपना देखा था अगर सबकुछ सही चला तो राजनीतिक विचारधारा को छोड़ दे तो सामाजिक रूप से रामराज का सपना साकार होने की शुरूआत हो गई लगती है। क्योंकि विश्वभर में रहने वाले भारतवंशियों के अलावा अन्य नागरिक भी भगवान राम को पूजते और याद रखते हैं। इसीलिए भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब घर घर में आएगी समृद्धि।
पीएम मोदी के साथ प्राण प्रतिष्ठा पूजन में पंडित गणेश्वर शास्त्री पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित महंत नृत्य गोपाल दास मोहन भागवत आनंदीबेन पटेल और योगी आदित्यनाथ मौजूद रहे। सभी अनुष्ठान संपन्न हुए। प्राण प्रतिष्ठा के लिए लकड़ी व कपड़े से तैयार हुआ मंदिर का शिखर। सबसे अच्छी बात इस मौके पर सरयू के तट पर सभी सनातनी धाराओं के संगम के रूप में 13 अखाड़ों और 127 संपद्राय के संत महात्मा पहुंचे और सभी जय श्री राम का नारा लगा रहे थे।
सांस्कृतिक और सभ्यता को और मजबूत बनाने में आज का दिन महत्वपूर्ण हो गया। क्योंकि सबके राम हम सब हैं राम के की भावना के तहत मंदिर वहीं बनाएंगे का जो नारा पिछले सैंकड़ों वर्षाे से गूंज रहा था अब वो पूरा हो गया। इसलिए अब भविष्य में धार्मिक आस्थाओं में समाए अन्य मुददें प्रखर होंगे यह बात विश्वास से कही जा सकती है। सोै मंचों पर 2500 लोक कलाकार भी बने। इस सांस्कृतिक कार्यक्रम के साक्षी। इनके द्वारा इस भव्यता का आंखों देखा हाल कई वर्षों तक देशभर में सुनाया जाता रहेगा इसलिए इन यादों को हम और हमारे बच्चे भूल नहीं पाएंगे।
मंगल ध्वनि और मंत्रों के बीच शुरू हुए आयोजन के अलावा देशभर के मंदिरों बाजारों और मौहल्लों में इसको लेकर धार्मिक आयोजन हुए और इन्हें बढ़ावा सोशल मीडिया के माध्यम से काफी मिला क्योंकि दुनिया में सबसे तेज मीडिया माध्यम सोशल मीडिया पर जमे लोग हर मिनट की खबर इधर से उधर पहुंचाने में लगे थे और उससे जो उत्साह बढ़ रहा था वो कार्यक्रमों को और गति देने के साथ ही राम के गुणगान को महत्वपूर्ण बना रहे थे।
नागरिकों की आस्था और विशवास में बसे भगवान राम की शासन व्यवस्था से ही देश में आ पाएगी शांति। तथा पीढ़ियों के त्याग और संघर्ष का फल राम मंदिर के रूप में हमे मिला है वो हमें अपराजित रहने की परंपरा को और बढ़ाएगी क्योंकि राम ने सिंहासन पर विश्वास बनाकर रखा वही अपने जीवन में प्रेरणा हमारी पीढ़ी के लिए छोड़ी।
इस अभूतपूर्व अवसर पर हम धार्मिक रूप से जहां मजबूत हुए हैं वहीं समृद्धि के मामले में अभूतपूर्व सफलता प्राप्त हुई है। राम मंदिर बनने से यूपी में चार लाख करोड़ का कारोबार हुआ। अकेले यूपी में बताते हैं कि 25 हजार करोड़ का कारोबार हुआ और इतनी बड़ी तादात में पहली बार हर क्षेत्र के वीआईपी अयोध्या पहुंचे और राम के गुणगान को आत्मसात करते हुए उसे सहभागिता की।
दोस्तों अगर हम 22 23 दिसंबर 1949 की रात को भी नहीं भूल सकते क्योंकि इसी दिन केके नायर 1926 बैच के आईसीएस अधिकारी ने मंदिर के संदर्भ में महत्वपूर्ण निर्णय लिया था इसलिए हिंदुओं के अलावा अन्यों के सहयोग को भी भुलाया नहीं जा सकता।
इस पावन पर्व पर हम सभी एक दूसरे को बधाई दे रहे हैं। अभी बीते दिनो दीपावली मनाई गई। फिर नए साल का जश्न मनाया और अब प्राण प्रतिष्ठा का उल्लास पूरी दुनिया मना रही है। आओ इस खुशी के अवसर पर यह संकल्प लंे कि मर्यादा पुरूषोंत्तम के रूप में आदर्श कायम किए गए उन्हें आत्मसात कर समाज में दबे कुचलों की हर तरह से मदद और अपनों के साथ हर कठिन परिस्थिति में खड़े रहने की भावना को आत्मसात कर सबको साथ लेकर चलने का इरादा पक्का करे।
इस पूरे आयोजन में मुस्लिमों का विभिन्न रूपों में बड़ा योगदान रहा और कई मौकों पर भगवान राम के प्रति इनकी आस्था देखकर मन हर्षित हो गया। इससे इनके परिवारों में भी संपन्नता का समावेश हुआ। इसलिए यह आयोजन देश में सांपद्रायिक सौहार्द सदभाव और भाईचारा को मजबूत करेगा। मेरा मानना है कि आज के दिन को देशभर में राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाए जाने और राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की घोषणा प्रधानमंत्री को करनी चाहिए।

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