Date: 19/05/2024, Time:

पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के घर सीबीआई की रेड, 30 और ठिकानों पर छापा

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नई दिल्ली 22 फरवरी। जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के घर पर सीबीआई की छापेमारी चल रही है. सीबीआई की टीम ने मलिक के घर समेत 30 अन्य जगहों पर छापा मारा है. कीरू हाइड्रो प्रोजेक्ट मामले से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में ये छापेमारी चल रही है. इससे पहले बीमा घोटाले में सीबीआई की मलिक के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है. सीबीआई की टीम जम्मू-कश्मी में मलिक और उनके करीबियों के ठिकानों पर भी रेड कर चुकी है.

बता दें कि यह पूरा मामला जम्मू कश्मीर में कीरू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट से जुड़ा हुआ है. सीबीआई की टीम इसी मामले को लेकर सत्यपाल मलिक और उनके करीबियों के यहां रेड डाल रही है. सीबीआई की टीम ने हाइड्रो पावर के अधिकारियों के यहां भी छापेमारी की है. यूपी, बिहार, राजस्थान, मुंबई, हरियाणा में भी सीबीआई की रेड चल रही है. बताया जा रहा है कि मलिक के दिल्ली के सोमविहार वाले फ्लैट से लेकर उनके गांव तक में छापे पड़ रहे हैं.

प्राप्त जानकारी के अनुसार यह छापेमारी साल 2019 में किश्तवाड़ में किरू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के लिए 2,200 करोड़ रुपये के सिविल कार्य का ठेका देने में कथित भ्रष्टाचार के मामले में हुआ है. मलिक, जो 23 अगस्त, 2018 से 30 अक्टूबर, 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे, ने आरोप लगाया था कि उन्हें परियोजना से संबंधित दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी.

सीबीआई ने पहले कहा था, ‘साल 2019 में किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट (HEP) के सिविल कार्यों का लगभग 2,200 करोड़ रुपये का ठेका एक निजी कंपनी को देने में कदाचार के आरोप में मामला दर्ज किया गया था.’ एजेंसी ने चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स (प्राइवेट) लिमिटेड के पूर्व अध्यक्ष नवीन कुमार चौधरी, पूर्व अधिकारियों एम एस बाबू, एम के मित्तल और अरुण कुमार मिश्रा और पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड के खिलाफ मामला दर्ज किया था. बता दें कि चौधरी 1994-बैच के जम्मू-कश्मीर-कैडर (अब एजीएमयूटी कैडर) भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी हैं.

बताते चले कि उत्तर प्रदेश (यूपी) के बागपत के रहने वाले सत्यपाल मलिक मेरठ की चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से पढ़े हैं. उनके सियासी करियर की शुरुआत 1974 में बागपत से विधायक के रूप में हुई थी. 1980 में वह लोकदल से संसद के उच्च सदन राज्यसभा पहुंचे. फिर यूपी के अलीगढ़ से एमपी बने. 1996 में समाजवादी पार्टी (सपा) के टिकट मिला मगर इसी सीट पर हार का सामना करना पड़ा. फिर 2004 में बीजेपी का हिस्सा बने और चुनाव लड़ा लेकिन इस बार भी हार का स्वाद चखना पड़ा था. 2012 में वह बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए गए और फिर उन्हें एक-एक कर के 4 राज्यों के राज्यपाल की जिम्मेदारी (क्रमशः बिहार-2017 में, जम्मू कश्मीर-2018 , गोवा-2019 और मेघालय-2020) सौंपी गई.

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