Date: 25/10/2024, Time:

पुलिस की चेकिंग के दौरान भाजपा नेता की कार से 24 लाख रुपये की नकदी बरामद

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पश्चिम बंगाल 24 मई। देश में लोकसभा चुनाव 2024 का दौर चल रहा है। अब सिर्फ दो चरणों की वोटिंग बाकी है। वोटरों को लुभाने के लिए नेता तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। इस बीच पश्चिम बंगाल में नोटों की गड्डियां पकड़ी गईं। बीजेपी नेता की कार में 24 लाख रुपये मिले हैं। इसे लेकर एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

पश्चिम बंगाल के दासपुर में स्थित खुकुरदा नाके पर पुलिस की चेकिंग चल रही थी। इस दौरान भाजपा नेता प्रशांत बेरा की वैगनआर वहां से गुजर रही थी। पुलिस ने उनकी गाड़ी को रोका और चेकिंग की। जांच में भाजपा नेता की कार से 24 लाख रुपये की नकदी मिली। एक झोले में नोटों की गड्डियां रखी थीं। साथ ही गाड़ी के पीछे वाली सीट पर पार्टी के बैनर-पोस्टर रखे हुए थे।
पुलिसकर्मियों ने नोटों की गड्डियों को जब्त कर लिया। सामने आए वीडियो में कार में भाजपा नेता बैठे नजर आ रहे हैं। ड्राइवर की बगल वाली सीट पर बैठे बीजेपी नेता के पैर के पास नोटों से भरा झोला रखा हुआ था। पकड़े जाने के बाद भाजपा नेता ने इस मामले में कोई जवाब नहीं दिया।

पुलिस सूत्रों के अनुसार दासपुर खुकुरदा में नाक चेकिंग चल रही थी. उस वक्त स्थानीय बीजेपी नेता प्रशांत बेरा की कार को रोका गया था. कार की तलाशी लेने पर 24 लाख रुपये बरामद हुए. पुलिस सूत्रों के मुताबिक कोई भी उस पैसे का कोई वैध कागजात नहीं दिखा सका. इसकी जांच की जा रही है कि बरामद रुपये कहां ले जाये जा रहे थे. पैसे के स्रोत की जांच की जा रही है. इसे लेकर तृणमूल ने बीजेपी पर हमला बोलना शुरु कर दिया है. भाजपा नेता चुनाव से पहले क्षेत्र में धन और हथियार फैलाकर संदेशखाली की तरह पूरे राज्य में अशांति करने की कोशिश कर रहे हैं. घाटाल के तृणमूल आयोजन जिला अध्यक्ष आशीष हुडैत ने कहा, ”वह पैसा विभिन्न क्षेत्रों में मतदाताओं को रिश्वत देने के लिए ले जाया जा रहा था. पुलिस चेकिंग में पकड़ा गया

हालांकि, भाजपा जिला अध्यक्ष तन्मय दास ने कहा, यह पार्टी का पैसा है. वह पैसा पार्टी कार्यालय के रखरखाव के लिए ले जाया जा रहा था. खाते से वह पैसा निकालने के बाद पार्टी कार्यालय में रख दिया. यह पैसा सात विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी कार्यालयों को देने के लिए ले जाया जा रहा था. सभी दस्तावेज वहां मौजूद हैं. इसे पुलिस को दिखाया जा रहा है. तृणमूल की ओर से झूठे आरोप लगाये जा रहे हैं.

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