Date: 14/12/2024, Time:

शाइन सिटी रजिस्ट्री घोटाले मामले में सब रजिस्ट्रार समेत पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

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लखनऊ 22 जून। जमीन की खरीद समेत अन्य योजनाओं में दो से तीन साल में धनराशि दोगुना करने का लालच देकर लाखों लोगों से अरबों रुपये की ठगी के आरोपी शाइन सिटी के डायरेक्टर अमिताभ श्रीवास्तव ने वाराणसी जेल में रहते ही लखनऊ में अपनी बेशकीमती जमीन बेच दी थी. आरोप है कि इस फर्जी रजिस्ट्री में तहसील के सब रजिस्ट्रार ने भी अहम भूमिका निभाई थी. हाईकोर्ट के आदेश पर हुई पुलिस की जांच में इस फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद ईओडब्ल्यू ने मुकदमा दर्ज कराया है. जिसमें अमिताभ श्रीवास्तव व तत्कालीन सब रजिस्ट्रार समेत पांच लोग आरोपी बनाए गए हैं.

दरअसल, हाईकोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए आदेश जारी किया था कि, वाराणसी जेल में बंद अमिताभ श्रीवास्तव अगस्त 2022 को बी वारंट पर लखनऊ गया था. इस दौरान वह सीधा लखनऊ के मोहनलालगंज के सब रजिस्ट्रार ऑफिस गया और वहां 30 हजार स्क्वायर मीटर जमीन एक पूर्व मंत्री के बेटे को बेच दी थी. कोर्ट ने कहा था कि यह सब पुलिस और राज्य कर्मचारियों की जानकारी में हुआ था. कोर्ट के इस आदेश के बाद वाराणसी पुलिस कमिश्नर ने 30 मई 2024 को इस पूरे प्रकरण की जांच एसीपी लाइन को सौंपी थी.

ईओडब्ल्यू ने अपनी जांच में पाया कि, तत्कालीन सब रजिस्ट्रार और उनके कार्यालय में तैनात अन्य कर्मचारियों की मिलीभगत से बिना अमिताभ श्रीवास्तव के आए ही फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कर दी गई. ऐसे में ईओडब्ल्यू के एडिशनल एसपी श्याम राज सिंह ने मोहनलालगंज थाने में अमिताभ श्रीवास्तव, तत्कालीन सब रजिस्ट्रार, गवाह ज्ञान अवस्थी और विपिन यादव और जमीन खरीदने वाले पंकज मिश्रा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. हजारों करोड़ लेकर भागी शाइन सिटी के डायरेक्टर अमिताभ श्रीवास्तव को वाराणसी पुलिस ने अक्टूबर 2020 को दिल्ली से गिरफ्तार किया था. अमिताभ के खिलाफ वाराणसी के कैंट थाने में 32 मुकदमे दर्ज हैं.

आर्थिक अपराध अनुसंधान के एडिशनल एसपी श्याम राज सिंह के मुताबिक, एसीपी वाराणसी ने अपनी जांच कर पुलिस कमिश्नर को सौंपी. फिर यह रिपोर्ट लखनऊ पुलिस कमिश्नर और ईओडब्ल्यू को भेज दी गई. ईओडब्ल्यू ने जांच और पूछताछ में पाया कि, 24 अगस्त 2022 को अमिताभ श्रीवास्तव ने मोहनलालगंज तहसील अंतर्गत अमेठी में अपनी जमीन पंकज मिश्रा को बेची थी. जिसकी रजिस्ट्री मोहनलालगंज सब रजिस्ट्रार ऑफिस में हुई थी. जिसमें गवाह विपिन यादव व ज्ञान अवस्थी बने थे. जबकि, एसीपी वाराणसी की जांच में सामने आया था कि, जिस दिन लखनऊ के मोहनलालगंज में अमिताभ श्रीवास्तव के नाम से रजिस्ट्री हो रही थी उस दिन यानि कि 24 अगस्त 2022 को अमिताभ श्रीवास्तव लखनऊ गया ही नहीं था बल्कि वह वाराणसी जेल में बंद था.

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