नई दिल्ली, 14 फरवरी। मांगों को लेकर किसानों के दिल्ली मार्च का आज दूसरा दिन है। हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर किसानों और पुलिस के बीच झड़प हुई थी। पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस छोड़ी तो किसानों ने भी पथराव किया। ऐसे ही हालात जींद बॉर्डर पर भी दिखे। आज फिर दिल्ली कूच के लिए किसान तैयार हैं।
वहीं किसान आंदोलन के समर्थन में शिअद ने अपनी पंजाब बचाओ यात्रा रोक दी है। मौजूदा हालात पर 15 को कोर कमेटी की बैठक बुलाई गई है जिसमें किसानों का साथ देने के लिए रणनीति बनाई जाएगी। भाकियू उगराहां ने किसान संगठनों के साथ एकजुटता दिखाने का फैसला लिया है। किसानों के समर्थन में संगठन गुरुवार दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक रेल रोकेगा।
किसानों की पूरी तैयारी
शंभू बॉर्डर पर किसानों ने आगे बढ़ने के लिए बड़ी तैयारियां कर ली हैं। किसान चेहरे पर मुल्तानी मिट्टी लगा रहे हैं ताकि आंसू गैस का प्रभाव कम हो जाए। साथ ही कई किसानों ने बॉडी प्रोटेक्टर भी पहने हैं। जो ट्रैक्टर सबसे आगे चलेंगे उनके सामने लोहे की चादर लगा दी गई है और उन्हें गीली बोरियों से ढक दिया गया है। इसके अलावा मिट्टी उड़ाने की मशीनें भी मंगवाई गई हैं। फिलहाल किसान पीछे हटकर पंतगें उड़ा रहे हैं।
दातासिंह वाला बॉर्डर पर आगे बढ़ने लगे किसान, उखाड़ी कंटीली तार
दातासिंह वाला बॉर्डर पर सुबह साढ़े 12 बजे फिर तनाव की स्थिति पैदा हो गई। किसानों ने बॉर्डर पर लगी कंटीली तार उखाड़ दी है। इसके साथ ही सड़क पर लगाई गई कीलों को भी उखाड़ दिया है। फिलहाल पुलिस ने कोई विरोध नहीं किया है। बॉर्डर पर हरियाणा की तरफ पुलिस मुस्तैद है लेकिन किसान पंजाब की तरफ जमा हो रहे हैं।
वहीं किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़ने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। शंभू बॉर्डर पर एक संवाददाता सम्मेलन में पंधेर ने कहा कि हमारे बारे में एक धारणा बनाने की कोशिश की जा रही है। हम यहां सरकार के साथ टकराव के लिए नहीं आए हैं।
पंधेर ने कहा कि हम इस देश के किसान हैं, हम लड़ाई नहीं करते। हम एमएसपी गारंटी कानून, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने की मांग करते हैं, जिसे आपने स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा कि हम एमएसपी कानून पर कायम हैं। सराकर एमएसपी कानून लागू करे। पीएम मोदी बड़ा दिल दिखाएं। हम बातचीत के लिए तैयार थे, तैयार हैं। सरकार आंदोलन को बदनाम कर रही है। हम टकराव नहीं चाहते। किसी राजनीतिक पार्टी से हमारा लेना-देना नहीं है।
पंधेर ने दावा किया कि लगभग 10,000 किसान शंभू सीमा पर डटे हुए हैं। किसान यहां शांतिपूर्ण स्थिति बनाए हुए हैं लेकिन हमारे खिलाफ ड्रोन के जरिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया जा रहा है। हमारा विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार हमारी मांगें नहीं मान लेती। पंधेर ने कहा कि यह भारतीय इतिहास का एक काला दिन है। किसानों के खिलाफ आंसू गैस का इस्तेमाल किया गया… हम यहां स्पीकर लगा रहे हैं और अपना कार्यक्रम फिर से शुरू करेंगे। पंधेर ने कहा कि दिल्ली जाना किसानों की अनख का सवाल नहीं है, उनका मनोरथ तो केवल मांगें मनवाना है। इसलिए केंद्र या तो बैठकर किसानों की मांगें पूरा कर दे या फिर उन्हें दिल्ली जाने दे।
ऐसा करने की बजाय केंद्र सरकार उन पर अपनी ताकत का इस्तेमाल कर रही है। किसानों को रोकने के लिए बार्डरों पर बीएसएफ व आरपीएफ तैनात कर दी है। किसानों पर एसएलआर के फायर, प्लास्टिक व रबड़ की गोलियां दागने के साथ-साथ ड्रोन के जरिये आंसू गैस के गोले फेंकें जा रहे हैं। जिससे मंगलवार को एक ही दिन में शंभू व खन्नौरी के बार्डरों पर 60 के करीब किसान घायल हो गए। जिन्हें राजपुरा व पटियाला के अस्पतालों में दाखिल कराया गया है। इसके अलावा कुछ किसानों को गिरफ्तार भी किया है, जिनकी गिनती के बारे में अभी पक्की जानकारी नहीं है।