Date: 10/10/2024, Time:

धामी सरकार का बड़ा फैसला, सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया तो खैर नहीं! दंगाईयों से होगी वसूली

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देहरादून 04 फरवरी। उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए सरकारी और निजी संपत्ति क्षति वसूली एक्ट को मंजूरी दे दी. सोमवार को हुई बैठक में अध्यादेश को कैबिनेट ने मंजूरी दी. इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद हड़ताल, बंद और दंगों पर नियंत्रण रखने मदद मिलेगी. साथ ही सरकारी या फिर निजी संपत्ति के नुकसान पर दोषियों से वसूली होगी. अब यह बिल मंजूरी के लिए गवर्नर के पास जाएगा.

आज उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कुल 8 प्रस्तावों पर मुहर लगी. कैबिनेट बैठक में उत्तराखंड लोक एवं निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश लाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई.

उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि, ’उत्तराखंड में दंगों के दौरान किसी भी सरकारी या निजी संपत्ति को कोई नुकसान होता है, तो उपद्रवियों से इसकी वसूली के लिए एक सख्त कानून बनाया जाएगा. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस कानून के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई.’

मुख्य सचिव ने कहा, “सीएम ने एक नया कानून बनाने के लिए प्रस्ताव पास किया है. वो आर्डिनेंस के जरिए एक्ट बनेगा और कैबिनेट से मंजूरी मिलने के के बाद माननीय राज्यपाल महोदय के अनुमोदन के लिए जाएगा. जो दंगे होते हैं या प्रदर्शन होते है कोई भी किसी भी तरह का आंदोलन होता है. जिसमें भीड़ उग्र होकर किसी भी सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचती है उसके विशेष ट्रिब्यूनल बनेगा जो मुआवजे को लेकर फैसला लेंगे कि दंगाई से कितना मुआवजा लेकर पीड़ित को दिया जाए. राज्यपाल की सहमति के बाद ये क़ानून बन जाएगा.

बैठक में सहायक लेखाकार के पदों पर भी निर्णय लिया गया, जिसमें कहा गया कि सहायक लेखाकार के पदों पर विभिन्न विभागों में वरिष्ठता अलग हो जाती है. अब ये वित्त विभाग के हिसाब से होंगे. साथ ही उत्तराखंड आवास नीति संशोधन नियमावली 2024 में प्रति आवास इकाई का मूल्य छह लाख है. जिसमें 3.50 लाख लाभार्थी वहन करते हैं. उन्हें अंशदान में कठिनाई हो रही है. लिहाजा, राज्यांश सरकार देगी. आवंटन की प्रक्रिया में अभी तक राजस्व, नगर निकाय व प्राधिकरण की संयुक्त टीम होती थी, लेकिन अब प्राधिकरण ही सत्यापन करेंगे. कैबिनेट बैठक में अशासकीय विद्यालयों में भर्ती की रोक को हटाया गया है. उच्च शिक्षा में भर्ती की जो समिति बनी है, वही माध्यमिक विद्यालयों में भी भर्ती करेगी.

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