नई दिल्ली 29 अगस्त। अप्रैल 2025 से सभी पैसेंजर कारों में पीछे वाली सीटों के लिए भी सीट बेल्ट रिमाइंडर अनिवार्य होगा. सरकार ने सड़क सुरक्षा से जुड़े इस महत्वपूर्ण नियम को नोटिफाई कर दिया है.
सरकार ने इन नियमों का ड्राफ्ट इसी साल मार्च में जारी किया गया था. इस नियम को लेकर आम लोगों से राय मांगी गई थी. वाहनों के लिए नए सुरक्षा नियम है.
खबर के मुताबिक 1 अप्रैल 2025 के बाद बनी सभी यात्री कारों के लिए नियम लागू होगा. इसके लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियम में बदलाव होगा. सीट बेल्ट, रेस्ट्रेंट सिस्टम, और सीट बेल्ट रिमाइंडर का इस्तेमाल होगा. 1 अप्रैल 2026 से बसों और अन्य भारी वाहनों में भी सुरक्षा बेल्ट असेंबल की जाएगी.
सितंबर 2022 में पिछली सीट पर बेल्ट नहीं लगाने चलते टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की मौत हुई थी. सरकार ने 3-पॉइंट रियर सीट बेल्ट, रियर सीट बेल्ट अलार्म और 6 एयरबैग अनिवार्य कर दिए थे.
कानून के मुताबिक, पीछे की सीट पर बैठने वाले यात्रियों को सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य है कर दिया था. ऐसा न करने पर मोटर व्हीकल एक्ट के तहत 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है.
बताते चले कि गाड़ियों में सीट बेल्ट अलार्म जरूरी फीचर है। यह सेफ्टी फीचर कार में बैठने वाले पैसेंजर को सीट बेल्ट लगाने के लिए बीप की आवाज के साथ अलार्म बजता है। यह बीप की आवाज तब तक बजती रहती है, जब तक आप सीट बेल्ट लगा नहीं लेते हैं। इसे लगाने से पैसेंजर को एक्सीडेंट के समय चोट लगने से बचाती है।
सीट बेल्ट लगाने से आपका शरीर चलती गाड़ी में स्थिर रहती है। अगर आपकी गाड़ी गड्ढे या फिर स्पीड ब्रेकर से गुजरती है तो उस दौरान आपकी बॉडी हिलती-डुलती रहती है। जिसकी वजह से आपके सिर या फिर गर्दन में गंभीर चोट लग लगने का खतरा रहता है। इस खतरे को कम करने का काम सीट बेल्ट करती है।
कई बार ऐसा देखने के लिए मिलता है कि कार हादसे के दौरान कार के फ्रंट सीट पर बैठा हुआ पैसेंजर आगे सीसा तोड़ते हुए बाहर निकल जाता है। इस तरह के हादसे के दौरान सीट बेल्ट लगाकर रखने से आप गाड़ी के अंदर सुरक्षित रहते हैं। इसके साथ ही तेज रफ्तार के दौरान टक्कर होने पर बाहर की तरफ फेंके जाने का खतरा भी कम हो जाता है।