संभल 19 फरवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं. वह कल्कि धाम मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल होने सुबह संभल पहुंचे. यहां हेलीपैड पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया. इसके बाद वह सीधे कार्यक्रम स्थल पहुंचे और पूजा में शामिल हुए.वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पीएम मोदी ने कल्कि धाम मंदिर का भूमि पूजन किया. पूजा के दौरान पीएम मोदी के एक ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दूसरी ओर आचार्य प्रमोद कृष्णम बैठे. भूमि पूजन अनुष्ठान समाप्त होने के बाद पीएम मोदी मंच पर पहुंचे, तो श्री कल्कि धाम मंदिर निर्माण ट्रस्ट के अध्यक्ष आचार्य प्रमोद कृष्णम और स्वामी अवधेशानंद गिरि ने अंगवस्त्र ओढ़ाकर उनका स्वागत किया. बता दें कि कल्कि धाम का निर्माण श्री कल्कि धाम निर्माण ट्रस्ट द्वारा किया जा रहा है जिसके अध्यक्ष आचार्य प्रमोद कृष्णम हैं. कार्यक्रम में कई संत, धार्मिक नेता और अन्य गणमान्य लोग शामिल हुए.
शिलान्यास कार्यक्रम के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज सनातन के एक और आस्था के केंद्र का शिलान्यास हुआ है। आज देश में सनातन फिर से अपने गौरव को पा रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि पहले के लोग तमाम ऐसे अच्छे काम छोड़ गए, जोकि मुझे करने का सौभाग्य मिल रहा है। उन्होंने कहा कि आगे भी मैं ऐसे ही तमाम अच्छे काम करता रहूंगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि कई एकड़ में बन रहा यह कल्कि मंदिर अपने आप में अद्भुत होगा। इसमें दस गर्भगृह होंगे और इसमें भगवान विष्णु के दस अवतारों को स्थापित किया जाएगा।
पीएम मोदी ने आगे कहा आज यूपी की धरती से भक्ति, भाव और अध्यात्म की एक और धारा प्रवाहित होने को लालायित है. आज पूज्य संतों की साधना और जनमानस की भावना से एक और पवित्र धाम की नींव रखी जा रही है. आप सभी की उपस्थिति में मुझे भव्य कल्कि धाम के शिलान्यास का सौभाग्य मिला है. मुझे विश्वास है कि कल्कि धाम भारतीय आस्था के एक और विराट केंद्र के रूप में उभरकर सामने आएगा. कई ऐसे अच्छे काम हैं, जो कुछ लोग मेरे लिए ही छोड़ कर चले गए हैं। आगे भी जितने अच्छे काम रह गए हैं, उनको भी संतों और जनता-जनार्दन के आशीर्वाद से हम पूरा करेंगे.
उन्होंने आगे कहा कि आज छत्रपति शिवाजी महाराज की जन्म-जयंती भी है. ये दिन इसलिए और भी पवित्र और प्रेरणादायक हो जाता है. आज हम देश में जो सांस्कृतिक पुनरोदय देख रहे हैं, अपनी पहचान पर गर्व कर रहे हैं, ये प्रेरणा हमें छत्रपति शिवाजी महाराज से ही मिलती है. मैं इस अवसर पर छत्रपति शिवाजी महाराज के चरणों में श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं.
गौरतलब है कि कल्कि को भगवान विष्णु का 10वां और अंतिम अवतार कहा जाता है। सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार अभी कल्कि का अवतार नहीं हुआ है। माना जाता है कि कलयुग के अंत में कल्कि के रूप में भगवान विष्णु धरती पर प्रकट होंगे। मंदिर निर्माण समिति के अनुसार, इस मंदिर में उसी पत्थर का इस्तेमाल होगा जिससे अयोध्या का राम मंदिर बनकर तैयार हुआ है। मंदिर का निर्माण लगभग पांच एकड़ की जमीन पर हो रहा है और इसमें लगभग 5 वर्ष लगेंगे।
बन रहे नवीन मंदिर के पास स्थित कल्कि पीठ में एक सफेद रंग के घोड़े की भी मूर्ति लगी है। हिंदू धर्मशास्त्रों में कहा गया है कि कल्कि अवतार को भगवान शिव देवदत्त नाम का एक सफेद घोड़ा देंगे। इस सफेद घोड़े की मूर्ति के तीन पैर जमीन पर हैं और चौथा हवा में उठा है। लोगों का कहना है कि यह पैर धीरे-धीरे नीचे झुक रहा है। जिस दिन यह पूरा झुक जाएगा समझा जाएगा कि कल्कि का अवतार हो चुका है।