asd मोहन भागवत जैसी सोच वाला व्यक्ति आरक्षण का विरोध तो कर ही नहीं सकता – tazzakhabar.com
Date: 15/03/2025, Time:

मोहन भागवत जैसी सोच वाला व्यक्ति आरक्षण का विरोध तो कर ही नहीं सकता

0

संघ परिवार के प्रति चाहे कोई कैसी भी राय रखता हो लेकिन पिछले कुछ वर्षों में आरएसएस के सदस्यों ने मोहन भागवत और इससे जुड़ी अन्य विभूतियों की सोच पर चलकर और उनके संदेशों से प्रेरणा लेकर समाज में सदभाव और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने का काम किया जा रहा है। और पिछले एक दशक में इस संगठन के मोहन भागवत जैसे प्रमुख महापुरूषों ने मुस्लिम समाज को भी इससे जोड़ने और गलतफहमियों को दूर करने और सभी को मुख्यधारा में शामिल करने के प्रयास किए हैं। समाज के उस व्यक्ति को जो परेशान रहता है उसकी समस्याओं के समाधान के लिए नीति और रणनीति बनाने और बनवाने का काम किया है लेकिन किसी को भी संघ परिवार की किसी नीति से कोई नुकसान पहुंचा हो ना तो ऐसा कहीं देखने को मिल रहा है और ना पढ़ने सुनने को मिला। तो फिर मोहन भागवत जैसा व्यक्ति भला आरक्षण का विरोध कैसे कर सकता है। कोई कहे कि मंच पर नहीं बोलते अंदर ही अंदर करते होंगे तो उन्हें संघ परिवार के बारे में पूरी जानकारी नहीं है क्योंकि इससे जुड़े लोगों की सोच सामने आई है उसने यह स्पष्ट किया है कि संघ कार्यकर्ताओं के जो जुबान पर होता है वो ही वह सोचते हैं। इसलिए मेरा मानना है कि किसी को भी इस संगठन और मोहन भागवत के बारे में ना तो इस प्रकार की बातें करनी चाहिए और ना ही गलत प्रचार। क्योंकि यह कहने में कोई हर्ज महसूस नहीं करता हूं कि केंद्र में भाजपा की सरकार होने के बाद भी संघ परिवार द्वारा कई बार जनहित में सरकार को सुझाव देकर उन्हें लागू करवाया गया। इसीलिए मेरा मानना है कि अगर कुछ अच्छा नहीं कर सकते तो कुछ ऐसा भी मत करो जो सबकी सोचने वालों की छवि धूमिल हो। जहां तक यह खबर है कि आरक्षण का विरोध मोहन भागवत ने किया इसके बारे में सरकार को जांच करानी चाहिए कि इस प्रकार की गलत बात किसने उड़ाई और किस उददेश्य से उड़ाई और भविष्य में कोई ऐसा भ्रामक प्रचार ना कर पाए वो भी तय होना चाहिए।
नंबरों के पीछे भागने की बजाय अभिभावक बच्चों का मनोबल बढ़ाए देर सवेर कामयाबी तो मिलनी ही है
बीते दिनों बच्चों का परीक्षा परिणाम आया जो टॉप पर रहे उन्होंने खुशियां मनाई और जो किसी वहज से फिसल गए या नंबर कम आए वो दुखी रहे और ऐसी भी खबर मिली कि कुछ बच्चों ने आत्महत्या कर ली या करने का प्रयास किया। साल भर हम जब मेहनत करते हैं तो चाहे वह व्यापार हो अथवा पढ़ाई या समाज में स्थान बनाने की कोशिश उसमें अगर किसी वजह से सफलता नहीं मिलती है तो कष्ट होना अनिवार्य है और होना भी चाहिए लेकिन गलतियां सबक लेने के लिए होती ना कि जीवन समाप्त करने के लिए। मेरा मानना है कि परीक्षा कुंभ का मेला तो है नहीं जो 12 साल में आएंगी। एक साल जरूर बर्बाद होता है हम दोबारा से प्रयास करें तो सफलता मिलने की गारंटी हो जाती है इसलिए विफलता से घबराने की बजाय आगे की सोच और मजबूती से तैयारी करे कि जो इस वर्ष परिणाम देखना पड़ा वो आगे ना देखना पड़ा। इस बारे में अभिभावकों से भी आग्रह करना चाहता हूं कि बच्चों पर ज्यादा नंबर लाने का दबाव बनाने की बजाय वो अच्छा नागरिक बने इसमें सहयोग करें क्योंकि यह किसी से छिपा नहीं है कि बहुत कामयाब व्यक्ति भी कभी कभी आगे चलकर कुछ कारणों से असफल हो जाते हैं लेकिन जिनका मन मजबूत होता है वो सफलता प्राप्त कर लेते है।। अभिभावकों को उन स्कूलों के प्रबंधन को चेताना चाहिए जो अपना रिजल्ट पूरा कराने के लिए बड़ी बाते करते हैं और जो बच्चे पीछे रह जाते हैं उन्हें भूलकर औरों का गुणगान करते हैं। इससे पीछे रह गए बच्चे हीनभावना के शिकार हो कसते है। सफलता बड़ी चीज है लेकिन एक बार की असफलता से हमें घबराना नहीं चाहिए। जब चीटीं कई बार के प्रयासों के बाद बालटी पर चढ़ने में कामयाब हो सकती है तो हम तो सोचने समझने की ताकत रखते हैं तो फिर हमें घबराकर ऐसा निर्णय ना ले जिससे हमारे परिवार को जीवनभर को पछतावा हो।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)

Share.

Leave A Reply

sgmwin daftar slot gacor sgmwin sgmwin sgm234 sgm188 login sgm188 login sgm188 asia680 slot bet 200 asia680 asia680 sgm234 login sgm234 sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin asia680 sgmwin sgmwin sgmwin asia680 sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgm234 sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin ASIA680 ASIA680