झांसी 15 अप्रैल। झांसी के रेलवे स्टाफ को सोमवार रात ट्रेन में 5 साल का बच्चा मिला। वह अपनी मां की तलाश में मुंबई से झांसी पहुंच गया। जब उसे इस बात का एहसास हुआ कि वह अपने घर से बहुत दूर आ गया है तो डर गया। झांसी के रेलवे स्टाफ ने बच्चे को अपनी देखरेख में रखा है। अब उसके परिवार से संपर्क किया जा रहा है।
1,115 किलोमीटर दूर मुंबई से झांसी पहुंचे 5 साल के बच्चे ने बताया कि वह मुंबई के ठाणे का रहने वाला है। उसकी मां का नाम सक्को और पिता का नाम रोहित है। उसका एक बड़ा भाई भी है, जो काम करने जाता है। बोला कि जब वह स्कूल से घर आया तो मां घर में नहीं मिली।
पिता काम पर चले गए थे। उसे मां की याद आ रही थी, इसलिए वह उसे ढूंढने के लिए ट्रेन में बैठ गया था, लेकिन ट्रेन चलने लगी। उसे ये नहीं मालूम कि कहां जाना है।
झांसी के रेलवे कंट्रोल रूम को टीटीई प्रदीप कुमार त्रिपाठी ने सूचना दी थी कि वह ट्रेन नंबर 20103 लोकमान्य तिलक टर्मिनस-गोरखपुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस में तैनात हैं। उनके पास 5 साल का बच्चा है, जो घर से भागा हुआ लग रहा है। इस पर कंट्रोल रूम ने झांसी स्टेशन के डिप्टी एसएस एसके नरवरिया को सूचित किया।
डिप्टी एसएस ने तत्काल सुरक्षा बल और चाइल्ड लाइन से संपर्क किया। ट्रेन के पहुंचने से पहले डिप्टी एसएस प्लेटफॉर्म नंबर-4 पर पहुंच गए। सोमवार रात 10.10 बजे ट्रेन पहुंची तो बच्चे को उतारा गया। डिप्टी एसएस उसे अपने कार्यालय ले आए। यहां बच्चे को उन्होंने पहले खाना खिलाया। फिर चाइल्ड लाइन को सौंप दिया। अब चाइल्ड लाइन उसके परिजनों से संपर्क करने की कोशिश कर रही है। बच्चा बोला कि मम्मी ने अपना मोबाइल तोड़ दिया है, उसको नंबर याद नहीं है। ऐसे में उसके परिवार से संपर्क नहीं हो पा रहा है। पांच साल का बच्चा जीन्स का हाफ पैंट और हुडी पहने है।
बच्चे ने बताया कि मुंबई से ट्रेन चलने के बाद उसे भूख लगने लगी थी। उसने यात्रियों से खाना मांगा था। कुछ ने तो मना कर दिया था, लेकिन कुछ ने बर्थ आदि साफ करवाकर खाना दिया था। रास्ते में ट्रेन टीटीई अंकल ने उसका खूब ख्याल रखा। बिस्किट, चाय से लेकर उसे खाना भी दिया।