कानपुर 15 सितंबर। पुरुषों में शराब और महिलाओं में गुटखा खाने की लत गर्भपात और कमजोर बच्चे पैदा होने का कारण है। शराब से पुरुषों के शुक्राणुओं में कमी आती है। शुक्राणु खराब हों तो भ्रूण कमजोर होता है। गर्भपात का खतरा रहता है या बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। समय से पहले भी जन्म हो सकता है। ऐसा शोध में भी साबित हुआ है। यह बातें मुंबई के स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मिलिंद शाह ने सिविल लाइंस स्थित होटल में चल रही फॉग्सी की ओर से तीन दिवसीय राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस के अंतिम दिन कहीं।
डॉ. मिलिंद शाह ने कहा कि गर्भपात के कई कारण होते हैं। जैसे शराब, गुटखा, धूम्रपान, बच्चेदानी में कमी, बच्चेदानी में खून जमना, मोटापा, देर से शादी आदि हैं। यह दिक्कत ऐसी महिलाओं में भी होती है जो एक्सरे, ओटी, सिटी स्कैन जैसी जगहों पर काम करती हैं। उनमें भी गर्भपात की समस्या हो जाती है। उन्होंने सलाह दी कि बच्चा प्लान करने से पहले अपनी एंटीनेटल जांच करा लें। इसमें सामान्य जांचें, थाइरॉइड, थैलीसीमिया आदि शामिल हैं। इसमें बच्चे की ग्रोथ और गर्भपात जैसी समस्या का पता चल जाता है।
डॉ. नरेंद्र मल्होत्रा ने कहा कि शराब का सेवन शुक्राणु को खराब करती है। 50 प्रतिशत मामलों में शराब पीने वाले पिता के बच्चे का भ्रूण कमजोर रहता है। इसका बच्चे के मस्तिष्क और न्यूरोलॉजिकल विकास पर असर पड़ता है इसलिए बच्चा प्लान करने से पहले पिता को शराब का सेवन बंद कर देना चाहिए।
मीडिया से बातचीत के दौरान डॉ. मल्होत्रा ने निजी क्लीनिकों व अस्पतालों में संचालित मेडिकल स्टोरों पर सहमति जताई। कहा कि निजी क्लीनिक में मेडिकल स्टोर होने चाहिए। हालांकि डॉक्टरों को चाहिए कि वह दवा लिखते समय उसका सॉल्ट नेम जरूर लिखें जिससे रोगी जनऔषधि केंद्र से भी दवा खरीद सके। फॉग्सी की अध्यक्ष डॉ. माधुरी पटेल ने कहा कि अब 65 फीसदी प्रसव सरकारी और 35 फीसदी निजी अस्पतालों में होते है। इससे मातृ मृत्युदर में कमी आई है। डॉ. रितु खन्ना ने महिला स्वास्थ्य, डॉ. रचना दुबे ने पीसीओएस के निदान पर चर्चा की। यहां पर चेयरपर्सन डॉ. मीरा अग्निहोत्री, डॉ. कल्पना, डॉ. रेनू गुप्ता, डॉ. सीमा द्विवेदी, डॉ. रश्मि यादव, डॉ. अनीता गौतम, डॉ. शैली अग्रवाल, डॉ. उरूज जहां आदि रहीं।