प्रयागराज 25 अप्रैल। कूड़ेदान में मिली माला दो दिन पहले ही आइएएस बन गई हैं। वहीं कूड़ेदान में फेंकी गई एक बच्ची का अनाथालय में उचित देखभाल तक नहीं हो सका, जिससे वह बीमार हो गई और लापरवाही के चलते उसकी मौत हो गई।
यही नहीं तीन अन्य बच्चियां, जो मंदिर तथा खेत में मिली थीं, उनके साथ भी अनाथालय में लापरवाही की गई, जिससे वे बीमार हो गईं और उनकी मौत हो गई। इन मामलों में मजिस्ट्रेटी जांच शुरू हो गई है। सिटी मजिस्ट्रेट विनोद कुमार सिंह को जांच सौंपी गई है।
ये बच्चियां विभिन्न जिलों में अलग-अलग महीनों में लावारिस हालत में मिली थीं, जिन्हें स्थानीय पुलिस द्वारा राजकीय बाल गृह (शिशु) खुल्दाबाद में रखा गया था। बताते हैं कि बाल गृह में इन बच्चियों की उचित देखभाल नहीं हो सकीं, जिसके कारण ये गंभीर रूप से बीमार हो गईं।
इन्हें अलग-अलग तारीखों पर चिल्ड्रेन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां भी बाल गृह की ओर से उचित देखभाल नहीं की गई, जिनसे उनकी मौत हो गई। राजकीय बाल गृह में इस तरह से लापरवाही के चलते अक्सर नवजातों की मौत हो जाती है। जबकि बाल गृह में अच्छा-खासा स्टाफ तैनात है, जिन पर लाखों रुपये हर माह खर्च किया जाता है।
नगर मजिस्ट्रेट ने बताया कि राजकीय बाल गृह (शिशु) प्रयागराज में आवासित नवजात बालिकाएं वंदना, सरस्वती, दीपिका व गौरी की चिकित्सालय में हुई मृत्यु के प्रकरण में जिलाधिकारी ने उन्हें मजिस्ट्रियल जांच के लिए नामित किया गया है, जिसके अनुपालन में कथन/साक्ष्य/प्रस्तुत करने के लिए सूचना दी गई थी मगर कोई कथन अथवा साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया।
इस कारण पुनः कथन/साक्ष्य प्रस्तुत करने हेतु अंतिम अवसर दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उक्त प्रकरणों के संबंध में यदि किसी व्यक्ति को कोई कथन एवं साक्ष्य प्रस्तुत करना हो, तो वह कलेक्ट्रेट स्थित कार्यालय/न्यायालय में आठ मई तक कार्यालय अवधि में प्रातः 10 बजे से शाम बजे तक अपना कथन एवं साक्ष्य प्रस्तुत कर सकता है।