उमरिया 30 अक्टूबर। मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पतौर, खितौली और पनपथा रेंज की सीमा में 4 जंगली हाथियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. वहीं दूसरी तरफ 6 हाथी बिमार है. ग्रामीणों का कहना है कि कोदो और कुटकी की फसल खाने के चलते हाथियों की मौत हो गई है और जो बीमार हैं उनका इलाज करने के लिए जबलपुर के डाक्टरों की टीम पहुंची है.
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर प्रकाश कुमार वर्मा ने बताया कि खितौली कोर, पतौर कोर और पनपथा बफर का एरिया है, यह ट्राय जंक्शन एरिया कहलाता है. यहां से गांव भी पास में लगे हुए हैं. हाथियों की मौत को लेकर उन्होंने कहा, हम जांच कर रहे हैं, डॉक्टरों की टीम भी आ गई है, अभी तक 4 हाथियों की मौत हो चुकी है.
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में अचानक ये सूचना मिली कि हाथियों का एक बड़ा झुंड घूम रहा है, जिसमें शामिल 8 हाथियों की अचानक तबीयत बिगड़ गई है. मौके पर ही 8 हाथी बेहोश होकर गिर गए हैं. हाथियों के गिरने की सूचना से ही वहां हड़कंप मच गया कि आखिर इन जंगली हाथियों को हुआ क्या है. इस सूचना क बाद बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से डॉक्टर का दल और आला अधिकारी मौके पर पहुंचे. जब इन हाथियों की जांच की गई तो जांच के बाद डॉक्टरों ने इनमें से 4 हाथियों को मृत घोषित कर दिया, वहीं 4 हाथियों की हालत गंभीर बताई जा रही है. इतना ही नहीं इस झुंड में शामिल 5 हाथियों की निगरानी भी वन अमला लगातार कर रहा है, क्योंकि इन 8 हाथियों के अलावा 5 हाथी और भी झुंड में शामिल थे कुल 13 हाथियों का दल था.
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर पीके वर्मा बताते हैं कि “इस टाइगर रिजर्व में टोटल 60 हाथी हैं और ये सभी हाथी अलग-अलग झुंड में घूमते रहते हैं, उनकी देखरेख के लिए रोजाना जंगल में गश्ती दल गश्त करता है और उनके लोकेशन का पता लगाता रहता है. मंगलवार को दोपहर करीब 12 से 1 बजे के बीच गश्ती दल ने सूचना दी की 8 जंगली हाथी जमीन पर पड़े हैं उनमें कोई मूवमेंट नहीं हो रहा है. इस पर आसपास के अलग-अलग रेंज के 5 रेंजर मौके पर तुरंत ही पहुंचे. बांधवगढ़ और कटनी जिले के बरही से 8 वेटरनरी डॉक्टर्स की टीम भी वहां तुरंत पहुंचाई गई. आखिर हाथियों की मौत किस वजह से हुई है कहां क्या मिला इस सब की बारीकी से जांच की जाएगी.”
हर साल 12 अगस्त को विश्व हाथी दिवस मनाया जाता है. साल 2017 में हाथियों की भारत में जनगणना हुई थी, जिसके मुताबिक, भारत में लगभग 29,964 हाथी मौजूद हैं.