Date: 14/12/2024, Time:

दिल्ली के 13 अवैध कोचिंग सेंटर सील, हाईकोर्ट पहुंचा जलभराव के कारण तीन छात्रों की मौत का मामला

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नई दिल्ली 29 जुलाई। दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित RAU IAS कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में जलभराव के कारण तीन छात्रों की मौत हो गई। इस घटना के बाद कोचिंग सेंटर के मालिक अभिषेक गुप्ता और कोऑर्डिनेटर देशपाल सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दोनों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। इस हादसे ने कोचिंग सेंटर की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

दिल्ली के 13 कोचिंग सेंटरों पर MCD ने सख्त कार्रवाई की है। इन सेंटरों में IAS गुरुकुल, चहल एकेडमी, प्लूटस एकेडमी, साई ट्रेडिंग, IAS सेतु, टॉपर्स एकेडमी, दैनिक संवाद, सिविल्स डेली IAS, करियर पावर, 99 नोट्स, विद्या गुरु, गाइडेंस IAS और ईज़ी फॉर IAS शामिल हैं। पिछले साल मुकरजी नगर के कोचिंग हब में लगी भीषण आग के बाद, MCD ने कोचिंग सेंटरों का सर्वेक्षण किया था। एक MCD अधिकारी ने PTI को बताया कि शुरुआत में, इस सर्वेक्षण का इस्तेमाल उन लोगों की पहचान करने के लिए किया जाएगा जो नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं।

पानी भरने की जांच के लिए उच्चस्तरीय समिति का गठन
MCD ने कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने की घटना की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है। एक MCD अधिकारी ने कहा कि संस्थान के मालिक की ओर से एक बड़ी आपराधिक लापरवाही पाई गई है। अगर कोई एग्जिट पॉइंट होता तो छात्र बच सकते थे। MCD केवल भवन योजना को मंजूरी देता है, लेकिन अगर कोई बेसमेंट का इस्तेमाल पार्किंग और स्टोरिंग के लिए किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए पहले मंजूरी लेना जरूरी है।

बेसमेंट में बनी लाइब्रेरी में नहीं था ड्रेनेज सिस्टम
शनिवार की भारी बारिश के बाद बेसमेंट में 10-12 फीट पानी भर गया। इस हादसे में यूपी के अंबेडकर नगर की श्रेया यादव, तेलंगाना की तान्या सोनी और केरल के एर्नाकुलम के नवीन दलविन की मौत हो गई। तीनों सिविल सेवाओं की तैयारी कर रहे थे। पुलिस ने मामले में FIR दर्ज कर कोचिंग सेंटर के मालिक और कोऑर्डिनेटर को गिरफ्तार किया है। अब यह मामला संसद में भी उठ सकता है।

कोचिंग सेंटर ने किया बिल्डिंग प्लान का उल्लंघन
MCD अधिकारियों ने बताया कि कोचिंग सेंटर की बिल्डिंग प्लान 2021 में मंजूर हुई थी। इमारत के कंप्लीशन सर्टिफिकेट में साफ लिखा था कि बेसमेंट का उपयोग पार्किंग या स्टोर रूम के रूप में किया जाएगा। लेकिन, कोचिंग सेंटर ने यहां अवैध रूप से लाइब्रेरी बना रखी थी। इसके अलावा, कोचिंग सेंटर को इस महीने ही फायर NOC दी गई थी जिसमें बेसमेंट का उपयोग स्टोर रूम के लिए किया जाना था।

बेसमेंट ग्राउंड फ्लोर से 8 फीट नीचे था
पुलिस जांच में सामने आया कि कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में कोई ड्रेनेज सिस्टम नहीं था। पुलिस ने बताया कि आरोपी अभिषेक गुप्ता ने स्वीकार किया कि बेसमेंट में ड्रेनेज की कोई व्यवस्था नहीं थी। FIR के अनुसार, कोचिंग सेंटर के बाहर की सड़क पर भी कोई ड्रेनेज सिस्टम नहीं था। जांच में पता चला कि बेसमेंट ग्राउंड फ्लोर से 8 फीट नीचे था, जिससे जलभराव हुआ।

कैसे हुआ जलभराव?
MCD ने बताया कि सड़क किनारे लोगों ने नालियों पर कब्जा कर रखा है, जिससे जलभराव हुआ और पानी बेसमेंट में घुस गया। दूसरी ओर, कोचिंग सेंटर का गेट भारी बारिश के बाद बंद कर दिया गया था और एक स्टील शेड लगाया गया था। पुलिस और फायर सर्विस विभाग की एक थ्योरी है कि जब पानी सड़क पर जमा हुआ तो स्टील शेड टूट गया और पानी बेसमेंट में भर गया।

क्या है हादसे की पूरी कहानी
इस हादसे में तीन छात्रों की मौत ने दिल दहला दिया। शुरुआती जांच में पता चला कि भारी बारिश के कारण सड़क पर जलभराव हो गया और ड्रेनेज सिस्टम की कमी के कारण यह पानी बेसमेंट में भर गया। सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं जिसमें छात्र खुद को डूबने से बचाने की कोशिश कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि बेसमेंट में प्रवेश और निकास का सिर्फ एक ही रास्ता था।

हाईकोर्ट में दाखिल की गई पीआईएल
IAS कोचिंग सेंटर में पानी भरने से छात्रों की मौत के मामले में राष्ट्रीय प्रवासी मंच ने दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है। इस याचिका में सेफ्टी गाइडलाइंस जारी करने और मृत छात्रों के लिए मुआवजे का ऐलान करने की मांग रखी गई है। सोमवार को हाई कोर्ट में इस याचिका पर जल्द सुनवाई करने की अपील की जाएगी।

याचिका में छात्रों की सुरक्षा के लिए दिशानिर्देश बनाने और हादसे की स्थिति में उचित मुआवजा देने की मांग की गई है। दूसरी ओर, इस मामले में दोनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। याचिका में दिल्ली सरकार, MCD और राव IAS को पक्षकार बनाया गया है। याचिका में हाई कोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की देखरेख में इस घटना की जांच की मांग की गई है और अन्य राज्यों से आने वाले छात्रों की सुरक्षा के लिए दिशानिर्देश बनाने की मांग की गई है। छात्रों की मृत्यु की स्थिति में उचित मुआवजा देने के निर्देश देने की भी मांग की गई है।

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