लखनऊ 15 अप्रैल। भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की 134 वीं जयंती पर उत्तर प्रदेश सरकार ने एक ऐतिहासिक और समाजोपयोगी पहल की घोषणा की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को हजरतगंज स्थित बाबा साहेब की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए घोषणा की कि प्रदेश में जल्द ही ‘जीरो पॉवर्टी प्रोग्राम’ की शुरुआत की जाएगी, जिसे बाबा साहेब के नाम पर समर्पित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि बाबा साहेब सिर्फ संविधान निर्माता ही नहीं थे, बल्कि उन्होंने समाज के वंचित, शोषित और दलित वर्गों को सामाजिक न्याय दिलाने के लिए आजीवन संघर्ष किया। ऐसे महान व्यक्ति के नाम पर गरीबों के लिए यह महाअभियान आरंभ होना उनकी विचारधारा के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया कि जीरो पॉवर्टी यानी “शून्य गरीबी” कार्यक्रम का उद्देश्य है कि राज्य में कोई भी व्यक्ति ऐसी स्थिति में न रहे जहां वह बुनियादी सुविधाओं से वंचित हो। इस कार्यक्रम के पहले चरण में प्रदेश के 14-15 लाख अत्यंत गरीब परिवारों को चिन्हित कर उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। हर ग्राम पंचायत में ऐसे 20-25 परिवारों को प्राथमिकता दी जाएगी जो अब तक सरकारी लाभ से वंचित रहे हैं। उन्हें आवास, शौचालय, उज्ज्वला गैस कनेक्शन, बिजली, पानी, राशन कार्ड, पेंशन योजनाएं और स्वास्थ्य बीमा जैसी सभी सुविधाएं दी जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना बाबा साहेब के नाम पर इसलिए चलाई जा रही है क्योंकि उन्होंने ही देश में सामाजिक समरसता, समानता और शिक्षा के माध्यम से उन्नति का दर्शन दिया था। उन्होंने देश के लिए संविधान रचकर सभी वर्गों को समान अधिकार दिलाने की नींव रखी। सीएम ने कहा, “बाबा साहेब ने अपना पूरा जीवन दलितों, वंचितों और पीड़ितों को न्याय दिलाने में लगा दिया। हम उनके सपनों को साकार करने के लिए संकल्पित हैं।”
योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर गर्व के साथ कहा कि उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बनने जा रहा है जो ‘जीरो पॉवर्टी’ के लक्ष्य की ओर औपचारिक कदम बढ़ा रहा है। इससे न केवल प्रदेश की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि यह अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा बनेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहेब को श्रद्धांजलि महज पुष्प चढ़ाकर नहीं दी जा सकती, बल्कि उनके बताए मार्ग पर चलकर ही उन्हें सम्मान दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब का सपना था कि समाज में कोई भी व्यक्ति शिक्षा, रोजगार और अधिकार से वंचित न रहे। उन्होंने यह भी कहा कि बाबा साहेब ने अपमान सहा लेकिन भारत का कभी अपमान नहीं होने दिया। उन्होंने खुद को “आदि से अंत तक भारतीय” बताया था। यह देश उनकी विचारधारा और संघर्ष के प्रति हमेशा कृतज्ञ रहेगा।