नई दिल्ली 13 जून। एटीएम से पैसा निलालने वालों से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। आपको तय फ्री लिमिट के बाद कैश निकालने पर ज्यादा शुल्क चुकाने पड़ सकते हैं। दरअसल, देश के एटीएम ऑपरेटरों ने कैश निकासी पर ग्राहकों की ओर से भुगतान किए जाने वाले इंटरचेंज फीस में बढ़ोतरी की मांग की है। ATM ऑपरेटर ने इस सिलसिले में भारतीय रिजर्व बैंक भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) से संपर्क किया है।
एटीएम उद्योग परिसंघ चाहता है कि इस इंटरचेंज फीस को बढ़ाकर अधिकतम 23 रुपए प्रति ट्रांजेक्शन किया जाए ताकि बिजनेस के लिए ज्यादा फंडिंग जुटाई जा सके। एटीएम बनाने वाली कंपनी एजीएस ट्रांजैक्ट टेक्नोलॉजीज के कार्यकारी निदेशक स्टेनली जॉनसन ने कहा, “दो साल पहले इंटरचेंज रेट में बढ़ोतरी की गई थी। हम आरबीआई से संपर्क कर रहे हैं और उम्मीद है कि वे इसका समर्थन करेगी। हमने फीस को बढ़ाकर 21 रुपए करने की अपील है, जबकि कुछ अन्य एटीएम बनाने वाली कंपनियों ने इसे बढ़ाकर 23 रुपए करने की मांग की है।” “पिछली बार, इसे बढ़ाने में कई साल लग गए थे लेकिन मुझे लगता है कि सभी लोग एकमत हैं और यह केवल समय की बात है कि फीस में बढ़ोतरी कब होगी।”
बता दें कि साल 2021 में एटीएम ट्रांजैक्शन पर इंटरचेंज फीस 15 रुपए से बढ़ाकर 17 रुपए कर दी गई थी। एटीएम इंटरचेंज वह फीस होती है जो कार्ड जारी करने वाले बैंक (जारीकर्ता) की ओर उस बैंक को दिया जाता है जहां कार्ड का इस्तेमाल नकदी निकालने के लिए किया जाता है। एक अन्य एटीएम निर्माता ने कहा, “इंटरचेंज रेट बढ़ाने के लिए हर जगह अपनी मांगों को उठाया गया है। एनपीसीआई के माध्यम से एक प्रतिनिधित्व भेजा गया है और बैंक भी फीस पर बढ़ोतरी के लिए राजी है।” इंटरचेंज शुल्क में वृद्धि एनपीसीआई द्वारा लिया गया निर्णय है क्योंकि दर उनके द्वारा तय की जाती है।”
मालूम हो कि मौजूदा समय में देश के छह मेट्रो शहरों बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई और नई दिल्ली में बैंक अपने बचत बैंक खाताधारकों को एक महीने में न्यूनतम पांच फ्री ट्रांजैक्शन की सुविधा देते हैं, जबकि किसी अन्य बैंक के एटीएम पर तीन बार लेन-देन फ्री है।