asd पर्यटकों के लिए खुली विश्व धरोहर फूलों की घाटी

पर्यटकों के लिए खुली विश्व धरोहर फूलों की घाटी

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देहरादून 02 जून। उत्तराखंड में स्वर्ग का द्वार यानि फूलों की घाटी (Valley Of flowers) खुल गई है। विश्व धरोहर और प्रकृति प्रेमियों की पहली पसंद फूलों की घाटी 1 जून को खोल दी गई है। सुबह 7 बजे पर्यटकों का पहला दल घाटी के अंतिम पड़ाव घाघरिया से रवाना हुआ। घाटी खुलने के पहले दिन 45 ऑफलाइन और चार ऑनलाइन पंजीकरण कर पर्यटक यहां पहुंचे।

फूलों की घाटी प्रकृति प्रेमियों और पर्यटकों के लिए घूमने की पहली पसंद रहती है। घाटी को हर साल 1 जून को पर्यटकों की आवाजाही के लिए खोल दिया जाता है। फूलों की घाटी 31 अक्टूबर तक पर्यटकों के लिए खुली रहती है। इस वर्ष भी घाटी को तय समय पर रविवार 1 जून को खोल दिया गया।

अब तक 62 ऑनलाइन पंजीकरण
घाटी का दीदार करने को लेकर अब तक 62 ऑनलाइन पंजीकरण 15 से 30 जून तक के लिए किए गए हैं। फूलों की घाटी खुलने से 14 जून तक कोई भी ऑनलाइन पंजीकरण नहीं हुआ है। हालांकि मौके पर वन विभाग पर्यटकों का ऑनलाइन पंजीकरण करेगी। हेमकुंड यात्रा मार्ग पर आने वाले पर्यटक फूलों की घाटी का दीदार भी करते हैं। वे मौके पर ही पंजीकरण शुल्क जमा कर फूलों की घाटी जाते हैं।
विश्व धरोहर फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए एक जून से 31 अक्टूबर तक खुली रहती है। फूलों की घाटी में रात्रि विश्राम की अनुमति किसी को नहीं है। यहां पर खाने की सामग्री की दुकानें भी नहीं हैं। लिहाजा पर्यटक अपने साथ खाने का सामान ले जाते हैं।
इस सामान के साथ जाने वाला कचरा भी वापस पर्यटक को ही लाना होगा। इस बार घांघरिया से फूलों की घाटी तक तीन किमी क्षेत्र में बामणधौड के आस-पास दो हिमखंड का दीदार भी पर्यटकों को खासा आर्कषित करेगा। इन हिमखंडों के बीच से काटकर पैदल रास्ता सुचारु किया गया है।
विदित हो कि 87.5 वर्ग किमी में फैली फूलों की घाटी में पांच सौ से अधिक प्रजाति के फूल खिलते हैं। कई प्रजाति के फूल खिलने से घाटी का रंग भी हर 15 दिनों में बदलता रहता है। इसे 1982 में राष्ट्रीय पार्क का दर्जा और 2005 में यूनिस्को से विश्व धरोहर का दर्जा मिला। फूलों की घाटी में रंग बिरंगे फूलों के अलावा भोजपत्र का जंगल भी है।

यह है शुल्क
भारतीय पर्यटकों के लिए प्रति पर्यटक – 200 रुपये
विदेशी पर्यटकों के लिए -800 रुपये प्रति पर्यटक
भारतीय 0 से 12 वर्ष आयु के बच्चों के लिए निश्शुल्क
भारतीय 12 से 18 वर्ष तक के छात्रों के लिए प्रति छात्र 50 रुपये
भारतीय 18 वर्ष की उम्र से अधिक के छात्रों व सीनियर सिटीजन के लिए प्रति व्यक्ति 100 रुपये

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