लखनऊ 06 जून। उत्तर प्रदेश से लोकसभा में आधी आबादी की भागीदारी लगातार कम हो रही है. लोकसभा चुनाव 2024 में महिलाओं को टिकट देने को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने कोताही की थी. जिसका नतीजा यह रहा कि सिर्फ 7 महिलाएं ही सांसद बनने में सफल हुई. जबकि 2014 लोकसभा चुनाव में 13 और 2019 में 11 महिला सांसद चुनी गई थीं. लोकसभा चुनाव 2024 से पहले संसद में महिलाओं के 33 फीसद आरक्षण का बिल पास करने वाली एनडीए से सिर्फ 2 महिलाएं ही जीत दर्ज कर सकी हैं. जबकि समाजवादी पार्टी की 5 महिलाएं सांसद बनने में सफल हुई हैं.
सपा से डिंपल यादव ने मैनपुरी इकरा हसन ने कैराना सीट से रुचि वीरा ने मुरादाबाद सीट से प्रिया सरोज ने मछली शहर सीट से कृष्णा देवी पटेल ने बांदा से जीत दर्ज की है
बता दें कि भाजपा के एनडीए की ओर से यूपी में 9 महिलाओं को टिकट दिया गया था. जिसमें से मथुरा से हेमा मालिनी, धौरहरा से रेखा वर्मा, अमेठी से स्मृति ईरानी, सुलतानपुर से मेनका गांधी, फतेहपुर से साध्वी निरंजन ज्योति, बाराबंकी से राजरानी रावत, लालगंज से नीलम सोनकर को टिकट दिया था. जबकि भाजपा के सहयोगी दल अपना दल (एस) से मिर्जापुर से अनुप्रिया पटेल , राबर्ट्सगंज से रिंकी कोल चुनाव लड़ रही थीं. इनमें से सिर्फ मथुरा से हेमा मालिनी ही जीत दर्ज कर पाईं. हेमा मालिनी ने कुल 5 लाख 10 वोट पाकर तीसरी बार जीत दर्ज की. हेमा मालिनी ने कांग्रेस उम्मीदवार मुकेश धनखड़ को 293407 वोटों से हराया. इसी तरह अपना दल की प्रमुख और केंद्र सरकार में मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी जीत की हैट्रिक लगाने में कामयाब रहीं. अनुप्रिया पटेल 471631वोट पाकर समाजवादी पार्टी प्रत्याशी रमेश बिंद को 37810 वोटों से हराया है.
इंडी गठबंधन की ओर से 11 महिलाओं को टिकट दिया गया था. जिसमें से समाजवादी पार्टी से 10 और कांग्रेस ने एक महिला उम्मीदवार को मैदान में उतारा था. इसमें से समाजवादी पार्टी की 5 महिला प्रत्याशी जीत कर संसद पहुंचने में सफल रही हैं. जबकि मेरठ से सुनीता वर्मा, हरदोई से ऊषा वर्मा, उन्नाव से अन्नू टंडन, गोंडा से श्रेया वर्मा और गोरखपुर से सपा प्रत्याशी काजल निषाद को हार का मुंह देखना पड़ा है.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की 80 सीटों के लिए कुल 851 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे. जिसमें 771 पुरुष और 80 महिलाएं मैदान में थीं. इस चुनाव में आधी आबादी की भागीदारी सिर्फ 9.4 फीसदी थी. जबकि प्रमुख दल भाजपा, अपना दल, सपा और बसपा ने 23 महिला प्रत्याशियों को मैदान में उतारा था. चुनाव परिणामों की बात करें तो सिर्फ 8.75 फीसदी महिलाएं सफल हुईं.