जम्मू 05 सितंबर। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करना देश के सभी नागरिकों की सामूहिक जिम्मेदारी है और आश्वासन दिया कि यदि मोदी सरकार विधानसभा चुनाव के बाद इसे बहाल करने में विफल रहती है तो केंद्र में सत्तारूढ़ होने पर ‘इंडिया’ गठबंधन सरकार का यह पहला निर्णय होगा।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने यह बात जम्मू-कश्मीर के डूरू विधानसभा क्षेत्र में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कही। यह श्रीनगर से 75 किलोमीटर दूर स्थित है। कांग्रेस-नेशनल कान्फ्रेंस (नेकां) गठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर इस सीट से कांग्रेस महासचिव जी ए मीर चुनाव लड़ रहे हैं।
गांधी ने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करना न केवल कांग्रेस पार्टी या ‘इंडिया’ गठबंधन की जिम्मेदारी है, बल्कि देश के हर नागरिक की जिम्मेदारी है।’’ उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी चाहती थी कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा विधानसभा चुनाव से पहले बहाल हो जाए, लेकिन भाजपा चुनाव के बाद ऐसा करना चाहती थी।
उन्होंने कहा, ‘‘एक बात तो तय है कि जम्मू-कश्मीर को उसका राज्य का दर्जा वापस मिलेगा, मैं इसकी गारंटी देता हूं। या तो भाजपा इसे बहाल करेगी (चुनावों के बाद) या जब ‘इंडिया’ गठबंधन (केंद्र में) अगली सरकार बनाएगी, तो यह पहला निर्णय होगा।’’
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गांधी ने कहा कि आजादी के बाद यह पहली बार है कि किसी राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में बना दिया गया है, जिससे लोगों के अधिकार छिनने का रास्ता साफ हो गया। उन्होंने कहा, ‘‘किसी केंद्र शासित प्रदेश को राज्य में तब्दील करने या नये राज्य बनाने के लिए किसी राज्य को विभाजित करने से शक्तियों का विकेंद्रीकरण होता है, क्योंकि राज्यों की विधानसभाएं होती हैं जो अपने कानून बनाती हैं। लेकिन किसी राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में तब्दील करने से शक्तियां छीनी जाती हैं और यह अन्याय जम्मू-कश्मीर के साथ हुआ है।’’
गांधी ने दावा किया कि जम्मू-कश्मीर में केंद्र द्वारा नियुक्त उपराज्यपाल (एलजी) ’21वीं सदी के राजा’ की तरह काम कर रहे हैं और सभी लाभ केंद्र शासित प्रदेश से बाहर के लोगों को दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यहां, एलजी 21वीं सदी के राजा हैं। वह जो चाहते हैं, करते हैं। यहां के लोगों को न तो रोजगार मिलता है और न ही कोई अन्य लाभ। सरकार वह सब बाहरी लोगों को देती है।’’
उन्होंने कहा, ‘वे उच्च बिजली दरों के बारे में कुछ नहीं करेंगे। वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के लोगों को लाभ पहुंचाएंगे। यह लड़ाई केवल यहां नहीं है, बल्कि पूरे देश में है… भाजपा और आरएसएस लोकतंत्र पर हमला कर रहे हैं।