Date: 03/12/2024, Time:

हर प्रकार से जनता ही दोषी क्यों, सुविधाएं उपलब्ध ना कराने वाले अफसरों पर भी सरकार करे कार्रवाई

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ग्रामीण कहावत समर्थ को ना दोष गुसाई और गरीब की जोरू सब की भाभी शुरू शुरू में तो इन शब्दों को हम लोग एक किदवंती ही समझते थे मगर वर्तमान में जिस प्रकार से जो जनता के साथ नियमों के नाम पर हो रहा है उसे देखकर आम आदमी इस कहावत का सही पात्र बनकर रह गया है। क्योंकि यातायात सप्ताह मनाना शुरू हो गया और यातायात विभाग से आम आमदी को सुविधा तो मिलती नहीं। कुछ पंुलिस अधिकारियों की अपने जुनून में की जाने वाली यातायात व्यवस्था का खामियाजा जनता ही भुगते, चालान भी वही भरे। अगर कहीं लूट छेड़छाड़ या चोरी हो तो पुलिस का प्रयास यही रहता है कि पीड़ित रिपोर्ट ना लिखाए तो अच्छा है। कोई फिर भी नहीं मानता तो उसे डराया जाता है। प्रतिबंध के बावजूद तेज आवाज में डीेजे बजते हैं तो दीवारें हिल जाती है। विरोध पर पीड़ित की ही पिटाई हो जाती है। थानेदार साहब व्यवस्था में लगे होने के नाम पर अपनी जिम्मेदारियों की इतिश्रि कर लेते हैं। बच्चियों से छेडछाड़ पर कार्रवाई ना कर उन्हें उंच नीज समझाई जाती है। अवैध निर्माण हो या कच्ची कॉलोनियां बिजली चोरी हो अथवा कोई और मामला घुमा फिराकर अधिकारी अपने सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई करने और जनता को सुविधाएं उपलब्ध कराने के बजाय पीड़ितों का ही उत्पीड़न करने लगते हैं और अपने सहयोगियों और विभिन्न कांडों के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों को बचाने का कोई मौका नहीं चूकते। बिजली चोरी पकड़ी जाएगी तो चोर जनता लेकिन उस क्षेत्र का अधिकारी क्या रहा था इसका जवाब किसी के पास नहीं है। स्कूल में शिक्षिकाएं टयूशन पढ़ाएं और ना पढ़ने वालों को फेल करा दें। प्रतिबंध के बाद भी उनके खिलाफ नहीं करता कोई कार्रवाई। इनका दबाव न मानकर टयूशन न पढ़ाने वाले अभिभावकों को उत्पीड़न जरूर शुरू हो जाता है। मैं किसी एक को इसके लिए जिम्मेदार नहीं मानता लेकिन यह जरूर कह सकता हूं कि निरंकुश प्रणाली वाले कुछ अफसर अपनी गलतियां छिपाने और बैंक बैलेंस बढ़ाने के लिए आम आदमी को टारगेट कर जिस प्रकार भी हो सकता है उसका उत्पीड़न करने को कोई मौका नहीं चूक रहे हैं। यह बात साफ है कि अगर कोई नागरिक गलती कर रहा है तो उसको बख्शा नहीं जाना चाहिए। लेकिन उसी प्रकार से सुविधाएं उपलब्ध ना कराने वाले अफसरों को भी सरकार की छवि खराब करने की बात जानकर कार्रवाई उनके खिलाफ भी की जाए। सिर्फ जनता ही क्यों भुगते। मेरा जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों और सरकार से यह अनुरोध है कि विभिन्न प्रकार की अनियमितता सामने रख जबरदस्ती जनता का उत्पीड़न करने वाले तथा जो सुविधाएं जनता को मिलनी चाहिए उन्हें उपलब्ध कराने में असफल सरकारी हुक्मरानों को भी उसी प्रकार से दंडित किया जाए जिस प्रकार जनता को किया जा रहा है।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)

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